आर्थिक रूप से कमजोर ऐसे लोग भी अपने घर का सपना पूरा कर सकेंगे, जो काफी रियायत में मिलने वाले पीएम आवास भी लेने में सक्षम नहीं हैं। केडीए ने इन्हें बैंकों से लोन दिलाने की पहल की है। एचडीएफसी बैंक लगभग सहमत हो गया है। अन्य बैंकों को भी सहमत किया जा रहा है।
कानपुर कार्यालय संवाददाता:- ऋण लेने के लिए लाभार्थी, बैंक और केडीए में अनुबंध होगा। आवंटियों के किस्त न दे पाने पर भी बैंक उन्हें सार्वजनिक रूप से नहीं बेच पाएगा, बल्कि ऐसे फ्लैटों की शेष राशि केडीए संबंधित बैंक को देगा और फ्लैट वापस ले लेगा, जिसे बाद में किसी अन्य पात्र को आवंटित किया जा सकता है।
केडीए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सकरापुर में 2208, भागीरथी-जाह्नवी में 2208, महावीरपुरम पनकी में 5040, रामगंगा इन्क्लेव में 596 पीएम आवास (फ्लैट) बना रहा है। इनमें लाभार्थियों को फ्लैट आवंटित किए जा रहे हैं। इन्हें खरीदने के लिए लाभार्थियों को दो लाख रुपये देने होते हैं, जबकि ढाई लाख रुपये केंद्र सरकार एवं प्रदेश सरकार देगी।
कई लोग दो लाख देने की थी स्थिति में नहीं हैं। कई के पास पैन कार्ड नहीं हैं और न ही वे इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते हैं। बैंक ऐसे लोगों को लोन देने से इनकार कर देते हैं। इसके मद्देनजर केडीए ने लाभार्थियों को बैंकों से लोन दिलाने की योजना बनाई है।
पीएम आवास के लाभार्थियों को बैंकों से लोन दिलाया जाएगा। एचडीएफसी बैंक रास्ता निकालते हुए लगभग सहमत हो गया है। अन्य बैंकों से भी बातचीत चल रही है। शासन स्तर पर भी प्रयास किया जा रहा है। - राकेश कुमार सिंह, उपाध्यक्ष, केडीए
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