आधुनिक जीवन में सुख और शांति की दौड़ में लोग व्यर्थ ही भाग रहे हैं। जिस जीवन में शांति और प्रसन्नता नहीं उसमें सबकुछ व्यर्थ है। परमात्मा के प्रति आस्था जगा लेना जीवन की सबसे बड़ी समझदारी है। अपितु जीवन का सूर्य किस क्षण नष्ट हो जाए इसका कोई भरोसा नहीं। यह बातें बुधवार को किदवई नगर स्थित आनंदपुरी जैन मंदिर में आचार्य प्रसन्न सागर महाराज ने अनुयायियों से कहीं।
कानपुर कार्यालय संवाददाता:- इससे पहले महाराज श्री ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर विशेष पूजन अर्चन किया। शांतिधारा पूजन व भगवान पार्श्वनाथ के अभिषेक के बाद गुरुवर ने भक्तों को आधुनिकता भरे जीवन सफलता के सूत्र बताएं। उन्होंने कहा कि एक दिन अवश्य आएगा जब सबकुछ समाप्त हो जाएगा और मानव की जिंदगी भर की जमा-पूजीं यहीं रह जाएगी। जीवन नश्वर है अगर धर्म और पुण्य आज नहीं किया तो जीवन में शांति की प्राप्ति नहीं होगी।
आचार्य श्री ने कहा कि आज मानव के जीवन में सबकुछ है। नहीं है तो मन की शांति और चेहरे की प्रसन्नता। जिसके बिना जीवन व्यर्थ लगता है। अनुयायियों को आचार्य प्रसन्न सागर गुरुमंत्र देते हुए कहा कि अगर शौक है हंसने का तो फकीरों की संगत करना सीखो।
सौम्य मुनि पीयूष सागर महाराज ने कहा कि अपनी कर्मभूमि कानपुर में उपकारियों का धन्यवाद करने आया हूं। जिन्होंने मुझ पर उपकार किए उनका शुक्रगुजार हूं। आचार्य श्री व मुनि के वचनों की रसधारा में अनुयायी मंत्रमुग्ध दिखे।
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