फतेहपुर, शमशाद खान । मलवां विकास खण्ड के मौहार गांव में लगा सरकारी नलकूप खराब होकर शो-पीस बना हुआ है। करीब 70 बीघे गेहूं सहित अन्य फसलों की सिंचाई को लेकर संकट खड़ा हो चुका है। नहरों में पानी नहीं आ रहा है, किसान सिचाई के लिए परेशान हैं। डीजल पंप आदि से सिचाई करने पर महंगाई की मार पड़ रही है। अधिकारियों को अवगत कराने के बाद भी जिम्मेदार अनदेखी कर रहे हैं। इससे किसानों की दिक्कत बढ़ी हुई है। मौहार गांव 129 बीजी राजकीय नलकूप 1978 में बना था। जो एक माह से ध्वस्त पड़ा है। युवा विकास समिति के जिला उपाध्यक्ष शिवम सिंह गौतम ने किसानों के बीच पहुचकर नलकूप ध्वस्त होने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की। उन्होने कहा कि गांव में सिचाई की सुविधा सुलभ कराने के लिए 1978 से स्थापित राजकीय नलकूप काफी दिनों से
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नलकूप के बाहर खड़े समिति के जिला उपाध्यक्ष व अन्य। |
खराब पड़ा है। अधिकारियों को कई बार सूचना दी गई। नलकूप को ठीक कराने की गुहार भी लगाई गई लेकिन किसानों को किसी तरह की दिक्कत न होने देने का दावा करने वाले अधिकारियों द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया। विवशता में किसानों को निजी संसाधनों से महंगे दर पर सिंचाई करनी पड़ रही है जबकि नलकूप ठीक हो जाता तो समय से सिंचाई भी होती व किसानों को राहत भी मिल जाती। कहा कि जल्द समस्या हल न हुई तो आन्दोलन को विवश होंगे। मौहार के किसान मुन्नू सिंह ने कहा कि उसकी जमीन में ही राजकीय नलकूप लगा है और उसे ही पानी नहीं मिलता। किसान शिवशंकर सिंह परिहार ने कहा कि सरकार दावा तो करती है कि किसान हित में बड़े-बड़े काम किए, लेकिन राजकीय नलकूप एक माह से ध्वस्त है और उसको सही कराए जाने के लिए कई बार शिकायत के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हो रही है।
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