फतेहपुर, शमशाद खान । लौह पुरुष सरदार बल्लभ भाई पटेल फाउंडेशन के तत्वाधान में आजाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में देश की शपथ लेने वाले नेताओं के नेता स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती कुंवरपुर स्थित सुभाष अटल जूनियर हाईस्कूल में स्थापित प्रतिमा स्थल पर जनसेवक राजेश सिंह की अगुवाई में मनाई गई। जिसकी अध्यक्षता पूर्व प्रधान लोक सेनानी प्रबंधक मूलचंद सिंह एवं संचालन बाबा रामसनेही ने किया।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए जनसेवक राजेश सिंह ने कहा कि आज हम स्वतंत्र हैं। अगर इनके नेतृत्व करने वाले सुभाष चंद्र बोस ही थे जिन्होंने आईसीएस जैसी प्रतिष्ठा पूर्व परीक्षा पास करने के बाद भी जिलाधिकारी के पद को
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नेताजी की जयन्ती पर एकत्र ग्रामीण। |
छोड़कर देश को आजादी के लिए अपना संपूर्ण तन-मन-धन अर्पित कर दिया था। आधुनिक नेताओं में पद व प्रतिष्ठा को लेकर जिस तरह से द्वंद है उन्हें देश के लिए सुभाष चंद्र बोस से प्रेरणा लेना चाहिए। आचार्य कमलेश योगी ने बताया कि हमें इतिहास ने बताया गया है कि हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ जब नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने 30 दिसंबर 1943 का दमन और दीव जैसी स्थान को स्वराज स्वराज एवं आजाद नामकरण कर अंग्रेजों के झंडे को हटाकर तिरंगा राष्ट्रीय ध्वज फहराया कर जन गन मन गन राष्ट्रगान के साथ प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में देश की शपथ ली थी इसके इनके साथ अन्य छह मंत्रियों ने शपथ लिया था जिसे विश्व के 11 देशों में मान्यता दी थी। कार्यक्रम में मुख्य रूप से सैकड़ों छात्र-छात्राओं के अलावा वीरेंद्र सिंह, मूलचंद सिंह, अजीत पटेल, कमल सिंह, प्रधानाध्यापक अजमेर सिंह, बाबा रामसनेही, आचार्य कमलेश योगी, ज्ञानेंद्र कुमार, मोहर सिंह जनसेवक, राजेश सिंह आदि सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।
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