राजयोग से तनावमुक्त एवं व्यसनमुक्त जीवन जीने की कला सिखा रही संस्था: नीरा
फतेहपुर, शमशाद खान । पिताश्री प्रजापिता ब्रम्हा बाबा की 52 वीं पुण्यतिथि सोमवार को शहर के ज्वालागंज स्थित सेवा केन्द्र पर शांति दिवस के रूप में मनाई गयी। उपस्थित लोगों ने उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। तत्पश्चात केन्द्र की संचालिका नीरा बहन ने उनके जीवन दर्शन पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होने कहा कि राजयोग से तनावमुक्त एवं व्यसनमुक्त जीवन जीने की कला संस्था सिखा रही है।
सेवा केन्द्र की प्रभारी ब्रम्हामुकारी नीरा बहन ने कहा कि निराकार परमपिता शिव परमात्मा के साकार माध्यम पिता श्री प्रजापिता ब्रम्हा बाबा संस्था के संस्थापक बने। 1936 में दादा लेखराज जी को परमात्म शिव के ज्र्योबिन्दु स्वरूप का दिव्य साक्षात्कार हुआ। दादा लेखराज जी हीरो जवाहरातों का व्यवसाय करते थे। उन्हें जब यह अद्भुत
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प्रजापिता ब्रम्हा के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि देते लोग। |
परमात्मा शिव के बिन्दु रूप का अलौकिक साक्षात्कार हुआ तो वो चकित रह गये तब से ज्योति स्वरूप शिव परमात्मा ने उन्हें अनुभव कराया कि यह कलियुगी दुनिया का विनाश तथा सतयुगी नई दुनिया की पुनः स्थापना होगी। ऐसी देवताई दुनिया का नवनिर्माण करने के लिए शिव परमात्मा ने उन्हें अलौकिक नाम प्रजापिता ब्रम्हा दिया तथा उनको अपना साकार माध्यम निमित्त रूप में नियुक्त किया। तब से ब्रम्हा बाबा ने स्वपुरूषार्थ करके अपने जीवन के साथ अनेकों मनुष्य आत्माओं को सहज राजयोग एवं ईश्वरीय ज्ञान के माध्यम से ग्रहस्थ में रहते कमल फूल समान जीवन जीने की ऐसी कला सिखाई जो घर-घर पवित्र एवं निर्विकारी बनता गया। आज ब्रम्हाकुमारीज संस्था देश-विदेश में एक वटवृक्ष की भांति फैलकर जीवन मूल्यों तथा राजयोग द्वारा तनावमुक्त एवं व्यसनमुक्त जीवन जीने की कला सिखा रही है। इस अवसर पर संगीता बहन, प्रीति बहन, दिनेश, चन्द्रपाल आदि मौजूद रहे।
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