वैश्विक परिदृश्य में भारतीय संस्कृति, साहित्य और समाज पर ग्रामोदय में हुआ अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि। महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कला संकाय के हिंदी विभाग के तत्वावधान में आयोजित एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार संगोष्ठी वैश्विक परिदृश्य में भारतीय संस्कृति, साहित्य और समाज विषय पर संपन्न हुई।
विवि के कुलपति प्रो नरेश चंद्र गौतम ने संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 के कौशल विकास युक्त पठन पाठन पर बल दिया जाना आवश्यक है। नई शिक्षा नीति में भारतीय संस्कृति, ज्ञान एवं कौशल विकास यह महत्वपूर्ण आयाम निश्चय ही विद्यार्थियों का चरित्र निर्माण कर समाज और राष्ट्र के लिए सक्षम नागरिक तैयार करेंगे। मुख्य वक्ता प्रो डॉ सुधांशु कुमार शुक्ला आईसीसीआर फेलो वर्सा विश्वविद्यालय पोलैण्ड ने वैश्विक परिदृश्य एवं भारतीय संस्कृति पर व्यापक प्रकाश डाला। डॉ शुक्ला ने भारतीय संस्कृति को रेखांकित करते
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संबोधित करते मुख्य अतिथि। |
हुए कहा कि मनुष्य बनाना, सबको अपना मान कर चलना, मनसा वाचा कर्मणा संस्कार संपन्न कराना ही भारतीय संस्कृति की विशेषता है। विशिष्ट वक्ता बीएल गौड़ वरिष्ठ साहित्यकार एवं पत्रकार नई दिल्ली ने कहा कि हिंदी साहित्य में विश्व की संस्कृति, समाज एवं जीवन शैली का व्यापक चित्रण है। डा नीरज भारद्वाज पत्रकार नई दिल्ली ने कहा कि भारतीय संस्कृति के मूल्यों और आदर्शों को अपनाकर ही वैश्विक परिदृश्य में संघर्षों का सामना कर सकते हैं। डॉ कुसुम सिंह विभागाध्यक्ष हिंदी ग्रामोदय विश्वविद्यालय ने कहा कि भारतीय संस्कृति ने इस महामारी के दौर में भी पूरी मानवता को संरक्षित करने का संदेश दिया है। आज के बदले हुए संदर्भ में साहित्य एवं साहित्यकारों की भूमिका एवं दायित्व गुरुतर है। कार्यक्रम का संयोजन एवं आभार डॉ ललित कुमार सिंह ने किया। वर्चुअल वेब संगोष्ठी में तकनीकी सहायता डॉ भरत मिश्रा, डॉ गोविंद सिंह, इं विवेक सिंह, नीरज, यशवंत सिंह ने किया।
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