चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि। विश्व के आदि तीर्थ के रूप में विख्यात भगवान श्रीराम की तपोभूमि धर्म नगरी चित्रकूट के साधु-संतो में जन्मभूमि अयोध्या में बनने जा रहे भव्य राम मंदिर को लेकर खासा उत्साह है। वनवास काल में साढ़े 11 वर्षो तक प्रवास स्थली रही चित्रकूट गिरि को स्वयं प्रभु श्रीराम ने कामदगिरि (मनोकामना पूरक) होने का वरदान दिया था। तभी से विश्व के इस अलौकिक पर्वत की भगवान श्रीराम के स्वरुप के रूप में पूजा होती है। प्रतिवर्ष देश भर से करीब दो करोड़ श्रद्धालु चित्रकूट पहुंचकर मनोकामनाओ की पूर्ति के लिए पतित पावनी मां मन्दाकिनी में आस्था की डुबकी लगाने के बाद कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा लगाते है। जन्मभूमि आयोध्या में बनने जा रहे प्रभु श्री राम के भव्य मंदिर के निर्माण में चित्रकूट के कामदगिरि पर्वत की पवित्र शिला लगाने के लिए मंगलवार को रामधुन के साथ कामदगिरि प्रमुख द्वार के संत मंदगोपाल दास महाराज के नेतृत्व में साधु-संतो का दल आयोध्या के लिए रवाना हो गया
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अयोध्या के लिए रवाना होती शिला यात्रा। |
है। यात्रा फतेहपुर, लखनऊ होते हुए अयोध्या पहुंचेगी और बुधवार को सुबह राम जन्मभूमि तीर्थ न्यास के महामंत्री चंपत राय को कामदगिरि पर्वत की शिला समर्पित की जाएगी। इस मौके पर सांसद आरके सिंह पटेल ने गौ सेवा मिशन के संस्थापक कृष्णानंद आदि संतो के साथ कामतानाथ भगवन और पर्वत की शिला का विधिविधान के साथ पूजन किया। शिला यात्रा में निर्मोही अखाडा के महंत ओंकार दास महाराज, निर्वाणी अखाडा के महंत सत्य प्रकाश दास, संतोषी अखाडा के महंत राम जी दास एवं गंगा विचार मंच के राष्ट्रीय संयोजक डॉ भरत पाठक आदि साधु-संतो के अलावा भाजपा के पूर्व सांसद भैरो प्रसाद मिश्रा, जिलाध्यक्ष चंद्र प्रकाश खरे, वरिष्ठ नेता रंजना उपाध्याय, जगदीश गौतम, शक्ति प्रताप सिंह, राजकुमार त्रिपाठी, अरुण बघेल, ममता तिवारी आदि मौजूद रहे।
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