सिंहवाहिनी मंदिर कटरा में हो रहा आयोजन
बांदा, के एस दुबे । सिंहवाहिनी देवी मंदिर कटरा में चल रहे तीन दिवसीय श्रीमद् भागवत गीता ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन गुरुवार को प्रबुद्ध वक्ताओं ने गीता की गहराई को समझाते हुए जीवन के लक्ष्य को बताया। प्रयागराज के गीता आश्रम से आए संत गीता बाबा एवं चित्रकूट के वेदांती आश्रम से आए वेदांती जी महाराज ने गीता महात्म्य का बखान किया।
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श्रीमद्भागवत गीता ज्ञान यज्ञ में मंचासीन संत |
सर्वप्रथम गीता आश्रम प्रयागराज के गीता बाबा ने बताया कि युद्ध क्षेत्र में अर्जुन को भगवान ने केवल इसीलिए गीता सुनाई क्योंकि वो ही पात्र थे। अर्जुन ने अपने बड़े भाई युधिष्ठिर को गीता सुनाने के लिए भगवान से विनती की, पर भगवान श्री कृष्ण ने मना कर दिया। क्योंकि द्यूत क्रीड़ा करने के कारण उनमें दोष है। गीता बाबा ने सभी को प्रीत पूर्वक नित्य कम से कम एक श्लोक पढ़ने के लिए कहा। इससे गीता कंठस्थ भी होगी और गीता हमारी जीवन शैली को सुव्यवस्थित बनाती है।
मुख्य वक्ता व चित्रकूट धाम से आए रामकृष्ण देवाचार्य वेदांती जी महाराज ने गीता की महिमा का सुंदर व्याख्यान किया। उन्होंने बताया कि जैसे इस देह में देही जीवात्मा की कुमार, युवा और वृद्ध अवस्था होती है, वैसे ही उसको अन्य शरीर की प्राप्ति होती है। धीर पुरुष इसमें मोहित नहीं होता। भगवान कहते हैं की संपूर्ण कर्म गुणों द्वारा किए जाते हैं, अहंकार से मोहित हुआ पुरुष मैं करता हूं ऐसा मान लेता है। जो खाने सोने आमोद प्रमोद तथा काम करने की आदतों में नियमित रहता है वह योगाभ्यास द्वारा समस्त भौतिक कलशों को नष्ट कर सकता है। स्वयं अपना उद्धार करें, अपना पतन ना करें। क्योंकि आप ही अपने मित्र हैं और आप ही अपने शत्रु। श्रद्धा रखने वाले मनुष्य अपनी इंद्रियों पर संयम रखने वाले मनुष्य साधन परायण होकर अपनी तत्परता से ज्ञान प्राप्त करते हैं। फिर ज्ञान मिल जाने पर जल्द ही परम शांति को प्राप्त होते हैं। गीता संस्थान समिति की ओर से आयोजित इस ज्ञान यज्ञ के संयोजक प्रद्युम्न कुमार लालू दुबे ने बताया कि इस कार्यक्रम के अंतिम दिन यानी गीता जयंती के दिन दिल्ली से कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम जी पधारेंगे। वो भी गीता जयंती के दिन गीता के गूढ़ रहस्यों के बारे में उपस्थित श्रोताओं को बताएंगे। कल अधिक से अधिक लोग इस ज्ञान यज्ञ से रसामृत का पान करें। कार्यक्रम का संचालन पंडित रामबाबू शुक्ला ने किया। समिति के अध्यक्ष डा. गया प्रसाद त्रिपाठी ने आए हुए संतों के सम्मान में मधुर वचनों से अलंकृत काव्य पाठ किया। कार्यक्रम के अंत में उन्होंने सभी का आभार व्यक्त किया। आगंतुक संतों का माल्यार्पण कर स्वागत सचिन चतुर्वेदी एवं प्रयागदत्त अवस्थी ने किया। कार्यक्रम में प्रयागदत्त अवस्थी, हरिशरण मिश्रा, अशोक शुक्ला, रामकिशोर शुक्ला, संतकुमार गुप्ता, दिनेश दीक्षित, राजकुमार राज, नवीन प्रकाश गुप्ता, सचिन अग्निहोत्री, नीरज गुप्ता, रिंकू शिवहरे, नीरज त्रिपाठी सभासद, निखिल सक्सेना, आलोक सिंह, अमित सेठ भोलू आदि सदस्य गीता संस्थान समिति की ओर से इस पूरे आयोजन में मौजूद रहे।
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