देवेश प्रताप सिंह राठौर
(वरिष्ठ पत्रकार)
...................किसान आंदोलन पर जिस तरह राजनीति चल रही है, उससे स्पष्ट होता है किसान यूनियन किसानों की संख्या कम है व्यापारियों की और राजनीतिक पार्टियों की संख्या अधिक है। मैंने अपने गृह जनपद कन्नौज है वहां पर बात की जब गांव में बात की वहां पर कोई भी किसान आंदोलन की कोई भी चीज नहीं है, पंजाब हरियाणा के किसान को दिक्कत है, क्योंकि उन्होंने एक व्यवसाय बना रखा था छोटे किसानों से फसल खरीदना और अच्छे दामों में बेचना उन्हीं को दिक्कत है, खेती को सस्ते में किसानों से खरीदना और अपना व्यापारिक वर्चस्व बनाए रखने के लिए यह सब धरना प्रदर्शन किसान के नाम से गुमराह किया जा रहा है। वही लोग परेशान है उनकी दुकान बंद हो गई है, विदेशों से फंड आ रहा है, आंदोलन करने के लिए उकसाया जा रहा है यह सब विपक्ष और देश विरोधी ताकतें लगी है। किस तरह नरेंद्र मोदी जी की सरकार को गिराया जाए, मेरे विवेक के अनुसार किसान विल वापस नहीं होना चाहिए , और ना ही सरकार को इस बिल के संबंध में इन लोगों से बात करनी चाहिए क्योंकि बात कई राउंड की हो चुकी है लेकिन निष्कर्ष कुछ नहीं निकला ना ही निष्कर्ष निकलेगा, क्योंकि अगर वापस
सरकार ने लिया फिर यह एक तौर पर देश विरोधी ताकते हावी हो जायगी यह लोग हर किसी कानून नियम को बिल्कुल रुकवाने के लिए एक जुट होते रहेंगे,किसान बिल के संबंध में जिस तरह हिंदुस्तान में किसान दिल्ली में जाकर जिस तरह से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं,देश की जनता के साथ-साथ दिल्ली की पूरी जनता परेशान है। समय कोरोना संक्रमित कॉल चल रहा है, लेकिन किसानों को सिर्फ एक ही है कि मोदी को झुकाना है। मैं आपको बताना चाहता हूं किसान बिल किसान के हित में है, पर जो लोग किसान का बिल का विरोध कर रहे हैं विश्व के स्तर से देखा गया तो कनाडा से लेकर अमेरिका इंग्लैंड जहां पर सिख मौजूद है उन्होंने इस बिल में विरोध किया जिसमें पाकिस्तान भी और पूरे विश्व के कई एक देश हो सकता है फंडिंग कर रहे हो सरकार इसकी जांच कराए और देखरेख कर अपने शक्ति बलपूर्वक इसका दमन करना जरूरी है, हो सकता है कि देश से गलत धारणा गलत विचार भ्रष्ट वाले लोग जैसे अमेरिका से खालिस्तानी समर्थक ने जिस तरह किसान आंदोलन की बात के लिए मोदी जी को जिस शब्दों का उच्चारण किया उसे स्पष्ट हो गया कि यह किसान का आंदोलन नहीं है यह हारे हुए मरे हुए लोग जिनको भारत ने रुकने नहीं दिया जिनको देश के अलग अलग देश की मांग की उन को नेस्तनाबूद किया वही लोग अबे किसान बिल के माध्यम से खालिस्तान के संगठन के लोग कश्मीर के आतंकवादी ,पश्चिम बंगाल के कुछ आतंकी लोग नक्सली देश के गुपकार गैंग, एवं पाकिस्तान इसमें बहुत ही आगे अपना रोल अदा कर रहा है। किसान आंदोलन सिर्फ पंजाब के ही किसानों के लिए हरियाणा के किसान के लिए ही नुकसान है, अन्य राज्यों में इसका नुकसान नहीं होगा क्या जबअन्य राज्य में किसानों से चर्चा हुई उत्तर प्रदेश के किसानों से चर्चा हुई उन्होंने बिल के बारे में कहा यह सब राजनीत है। बिल तो एक बहाना है आतंकी संगठन अलगाववादी देश विरोधी और विपक्ष के कुछ देश विरोधी पार्टियों की मानसिकता वामदल यह सब मिलकर इसमें घी डालने का काम कर रहे हैं। उनको लगता है मोदी है तो सब मुमकिन है इसलिए मोदी का विरोध करो मोदी की सरकार हटाओ किसानों के सहारे मोदी जी को हराने की जो सोच बना रखी है इन अलगाववादी शक्तियों आतंकवादी संगठन खालिस्तान समर्थक संगठन जिस तरह से पोस्टर दिखाई दिए जिस तरह से देश के टुकड़े टुकड़े गैंग के लोग वहां पर मौजूद रहे किसान यूनियन के साथ यह किसान यूनियन के लोग धरना प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं। इसमें बहुत से लोग जिनकी राजनीत मर चुकी है जिन्होंने देश को जाति धर्म में बांधा है वह आज मर चुकी थी उनकी राजनीत किसान के माध्यम से गलत अफवाह फैलाकर यह सब गलत कर रहे हैं। सरकार से कहना है क्योंकि जो बिल है यह किसान के हित का बिल है इस बिल को बिल्कुल वापस नहीं लिया जाना चाहिए और मुझे विश्वास है। क्योंकि जब व्यक्त देश के बाहर से शक्तियों को और अल मदद फंडिंग होती है तो वह देशद्रोही के रूप में देखा जाता है। यह अपना देश है आप और हम जय श्री राम कहने में संकोच रखते हैं और यहां पर जो अल्पसंख्यक हैं वह अपनी आवाज बुलंद रखते हैं। और हम आप उस जगह से अनसुना करके चले आते हैं। जब हिंदुस्तान में हमारे बीच में बैठे लोग जो मन में आए भोले अल्पसंख्यक हैं चाहे मोदी जी को चाहे योगी जी को भला बुरा कहे और हमारे धर्म को गलत बताते हैं उस जगह सभी इस देश के हिंदुस्तानी हिंदू विचारधारा अन्य विचारधाराओं के लोग जो अल्पसंख्यक नहीं है वह बड़े प्यार से सुनते हैं कोई भी उसका विरोध नहीं करता है। यह हमारा हिंदुस्तान है हम हिंदुस्तान में जय श्री राम, राम राम, जय माता दी ,राधे राधे, जयबम भोले, कहने से कतराते हैं। कि उनको बुरा ना लगे लेकिन वह कुछ लोग हमारे सबके बीच में बैठकर हमें हमारी सरकार को हमारे भगवानों को बहुत बुरा भला कहते हैं और हम सुनते हैं। आधे से अधिक लोग इस देश के अल्पसंख्यक जो कहते हैं सभी जातियां बड़े प्यार से ईश्वर श्रीराम को अपमानित होते हुए और देश के प्रधानमंत्री और मोदी को योगी को अपशब्द कहते हैं उस जगह कोई नहीं बोलता है। मैं हिंदुस्तान कहने में मुझे दीपक नहीं लगती उन लोगों को हिंदुस्तान कहने में झिझक लगती है। पाकिस्तान में कोई भी हिंदू जय श्री राम कहकर देखें उसकी जबान काट ली जाएगी ओ काटी गई है उदाहरण, कुछ समय पहले एक इलेक्ट्रॉनिक चैनल ने पाकिस्तान के हिंदुओं की दुर्दशा का बखान किया था की एक हिंदू व्यक्त भगवान की मूर्ति बक्से में रखकर पूजा करता है। और यहां का अल्पसंख्यक जो अब अल्पसंख्यक नहीं है मंदिर में घुसकर नवाज पड़ता है। यह फर्क है हिंदू और मुसलमान में, हिंदुस्तान की कोई भी सरकार हो अल्पसंख्यकों की विचारधाराओं को बदला नहीं जा सकता जहां धर्म की बात आती है वहां पर यह लोग सब एक होते हैं। हमारे देश के रहने वाले अल्पसंख्यक रहित जो जाते हैं वह अपने ईस्ट देवताओं को और राम राम कहने में जय श्री राम कहने में जय बम भोले कहने में डर लगता है यह हमारा हिंदुस्तान है। आप समझ सकते हैं लेखनी तो बहुत बड़ी होती चली जाएगी परंतु अब भी मौका है सुधर जाइए संभल जाइए मोदी योगी जैसा देश को जो रत्न मिले हैं जिसने भारत की दिशा और दशा को बदलने का जो बीड़ा उठाया है वह देश हित के लिए है। आर्टिकल 35 ए 370 जैसे कठिन निर्णय मोदी जी ने लिए और सफल रहे श्री राम का मंदिर का निर्माण मोदी जी की सरकार में ही हुआ अल्पसंख्यक महिलाओं के साथ हुए अत्याचार का बिल भी मोदी जी की सरकार में पास हुआ तीन तलाक का मुद्दा जिससे महिलाओं का उत्पीड़न रोका जा सके उन्होंने हर दशा और दिशा को ध्यान रखते हुए देश हित में अच्छे निर्णय लिए यही निर्णय अच्छे लेने का प्रणाम था यह आप तो इन लोगों को धारा 370 एवम् 35 ए हटने पर जो आज इन लोगों के सीने में जल रही थी वह साइन बाग में आग के गोले की तरह तब्दील हुई गिरता संशोधन बिल पास हुआ यह सब छोटे-मोटे काम नहीं है इन सब कार्यों को देखते हुए यह सब विपक्ष के साथ देश के विरोधी देशद्रोही सब बीमार पड़ गए और इनकी पार्टी बीमार पड़ गई इस देश का एक तरफ मोदी है दूसरी तरफ पूरे देश का विपक्ष एक साथ है। देश का इंसान जानता है एक व्यक्ति के साथ 99 विरोधी हैं तो कुछ तो खास है ही इसीलिए मोदी को जनता समझती है और यह देखती है आजादी के बाद आज तक जो किसी ने नहीं किया वह मोदी ने किया इसीलिए कहा जाता है मोदी है तो मुमकिन है। इसलिए इन सब के दिमाग काम करना बंद हो गए अभी तो इतना हुआ कहीं हमारा चिट्ठा खोल दिया तो अब हमारा जेल जाना पक्का है इसलिए सारे विपक्ष वाले परेशान है के किसान आंदोलन के नाम से नागरिकता संशोधन के नाम से आर्टिकल 370 नाम पर अपनी रोटियां से तैयार परंतु कहीं उनकी दाल नहीं गली अब उन्होंने किसान का सहारा लिया है और यह भी सहारा चलने वाला नहीं है क्योंकि धीरे-धीरे किसानों को समझ में आ जाएगा यह बिल किसान के हित के लिए बहुत ही अच्छा है किसानों को चाहिए इस बिल का पालन करें और किसान का जो माल व्यापारी लेते हैं उनके लिए हितकर नहीं है इसीलिए सारे व्यापारी किसानों को बरगला कर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं जबकि हकीकत का किसान इस फिल्म के विरोध में कोई भी धरना प्रदर्शन नहीं कर रहा है।एक बार एक किसान को पास के एक दूसरे गांव में जाना पड़ा| गांव पहुंचने के लिए एक नदी पर करना आवश्यक था| समस्या तब उत्पन्न हुई, जब वह नदी के किनारे पहुंचा| किसान को तैरना नहीं आता था| वहां नावें भी नहीं थीं| सो उसके पास एक ही रास्ता था कि वह नदी उन्हीं स्थानों से पैदल पार करे, जहां पानी की गहराई बहुत कम थी| मगर उसके सामने एक दूसरी समस्या यह थी कि उसे यह नहीं मालूम था कि नदी में किस स्थान पर पानी की गहराई कम है|तभी उसके गांव का एक दूसरा आदमी वहां आ गया| जब उसने किसान को किसी गहरे सोच में खोए हुए देखा तो उत्सुकतावश पूछ बैठा – “मित्र, आखिर समस्या क्या है? बहुत दुखी दिखाई दे रहे हो| क्या मैं तुम्हारी कुछ मदद कर सकता हूं।अधूरा ज्ञान हानिकारक है।
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