बबेरू, के एस दुबे । मौनी बाबा धाम में आयोजित पौराणिक मेला महोत्सव के दूसरे दिन आस्थावान श्रद्धालुओं को संत सिरोमणि स्वामी अवधूत महाराज ने संदेश दिया कि योग विद्या, यम निमय, आसन प्राणायाम, प्रत्याहार धारणा और ध्यान को निरन्तर पालन करना चाहिए। जब जीव संसारिक प्रलोभनों में न फंस कर उन्नति के मार्ग पर आगे बढ रहा होता है। तब इस जीव के लिए श्रीराम विनाशक न होकर मेघ के समान आनंद रस की वर्षा करते है। परंतु जब जीव
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संदेश देते स्वामी अवधूत महाराज |
यह परमात्मा को भूलकर प्रकृति की उपासना में लग जाता है। तब श्रीराम उसके लिए बज्र के समान बन जाते है। पूरे 100 वर्ष के जीवन के लिए भी आपका त्याग नही कर सकता। हे श्रीराम आप तो अनंत धन के स्वामी है। आप मिले तो सारे ऐश्वर्य स्यवं ही मिल जाएगें। कहा कि श्रीराम भगवान सर्व व्यापक है। असुरों को नष्ट करने वाले पवनपुत्र हनुमान शत्रु विनाशक है। जैसे रथ का स्वामी अपनी रक्षा और सुख प्राप्ति के लिए अपने रथ को बार बार देखता सुनता है और चलाता दौडाता है। उसी प्रकार हम सभी हनुमंत की बार बार उपासना कर अपनी रक्षा के साथ आनंदित जीवन प्राप्त करे।
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