फतेहपुर, शमशाद खान । न्यायालयों में व्याप्त समस्याओं को लेकर सिविल अधिवक्ता मंच के बैनर तले अधिवक्ताओं एवं वादकारियों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शन किया तत्पश्चात प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को सम्बोधित दस सूत्रीय ज्ञापन अपर उपजिलाधिकारी को सौंपकर सभी समस्याओं का शीघ्र निराकरण कराये जाने की आवाज उठायी।
मंगलवार को सिविल अधिवक्ता मंच के प्रान्त संयोजक आरपी मौर्य एडवोकेट की अगुवई में अधिवक्ता व वादकारी कलेक्ट्रेट पहुंचे। जहां प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को सम्बोधित दस सूत्रीय ज्ञापन अपर उपजिलाधिकारी को सौंपकर मांग उठायी कि सभी प्रकार के सिविल, माल, फौजदारी में सैकड़ों वर्ष पुराने बने कानून बाधक हैं। ऐसे उबाऊ कानूनों व नियमों में भारती परिवर्तन के साथ फैसलों की समय सीमा अनिर्वाय की जाये, राजस्व न्यायालयों के नाम
![]() |
एएसडीएम को ज्ञापन देने जाते अधिवक्ता व वादकारी। |
पर तहसील से लेकर कमिश्नर बोर्ड तक प्रशासनिक कार्य से मुक्त करके केवल कुछ न्यायिक कोर्ट बनाई जाये, प्रत्येक न्यायालयों एवं कार्यालयों पर उनके कार्य मंे मानीटरिंग व्यवस्था लागू की जाये, जिला न्यायालयों के सिविल, माल, फौजदारी आदि में तारीख पर तारीख फर्जी देना व दसियों वर्ष तक दौड़ाना बंद किया जाये, दीवानी न्यायालयों में विलासितावश स्थगन वादों में उचित आदेश न करके प्रान्त स्तरीय गोपनीय परम्परा को समाप्त किया जाये, पीढ़ी दर पीढ़ी वादों की चलने की परम्परा को तोड़ा जाये, निश्चित अवधि के अंदर अन्तिम निर्णय लिया जाये, कोर्टों व कार्यालयों में फर्जी तारीख देने दिलाने के नाम पर दस्तखती कराने के नाम पर अवैध वसूली का धंधा बंद कराया जाये, न्यायालयों में जितने केस होना संभव हो केवल उतने ही लगाये जायें, फर्जी तारीख बढ़ने पर किराया वादकारियों को देना अनिवार्य किया जाये, न्यायालय कैम्पसों में शौचालय व पीने के पानी की व्यवस्था कराई जाये। इस मौके पर हेमन्त कुमार एडवोकेट, सुशील कुमार वर्मा एडवोकेट, एसके प्रजापति एडवोकेट, राजेश कुमार मौर्य एडवोकेट, सुनील गुप्ता एडवोकेट के अलावा कृष्ण कुमार, ईश्वर चन्द्र, गिरजानन्द, रामस्वरूप मौर्य, बचान, राधेश्याम, विष्णु मौर्या, रामराज, जागेश्वर, लखन लाल, राम औतार, रामनारायण मौर्य, रामखेलावन मौर्य, जगमोहन, मनोज मौर्य, गंगा सागर, त्रिभुवन मौर्य आदि मौजूद रहे।
No comments:
Post a Comment