सती चरित्र, भक्त धु्रव, उत्तानपाद की सुनाई कथा
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि। श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथा व्यास नवलेश दीक्षित ने बताया कि किसी भी स्थान पर बिना निमंत्रण जाने से पहले इस बात का ध्यान जरूर रखना चाहिए कि जहां आप जा रहे है वहां आपका, अपने इष्ट या अपने गुरु का अपमान हो। यदि ऐसा होने की आशंका हो तो उस स्थान पर जाना नहीं चाहिए। चाहे वह स्थान अपने जन्म दाता पिता का ही घर क्यों हो। कथा के दौरान सती चरित्र के प्रसंग को सुनाते हुए भगवान शिव की बात को नहीं मानने पर सती के पिता के घर जाने से अपमानित होने के कारण स्वयं को अग्नि में स्वाह होना पड़ा।
कथा व्यास नवलेश दीक्षित।
कथा में उत्तानपाद के वंश में धु्रव चरित्र की कथा को सुनाते हुए समझाया कि धु्रव की सौतेली मां सुरुचि के द्वारा अपमानित होने पर भी उसकी मां सुनीति ने धैर्य नहीं खोया जिससे एक बहुत बड़ा संकट टल गया। परिवार को बचाए रखने के लिए धैर्य संयम की नितांत आवश्यकता रहती है। भक्त धु्रव द्वारा तपस्या कर श्रीहरि को प्रसन्न करने की कथा को सुनाते हुए बताया कि भक्ति के लिए कोई उम्र बाधा नहीं है। भक्ति को बचपन में ही करने की प्रेरणा देनी चाहिए क्योंकि बचपन कच्चे मिट्टी की तरह होता है उसे जैसा चाहे वैसा पात्र बनाया जा सकता है। कथा के दौरान उन्होंने बताया कि पाप के बाद कोई व्यक्ति नरकगामी हो, इसके लिए श्रीमद् भागवत में श्रेष्ठ उपाय प्रायश्चित बताया है। अजामिल उपाख्यान के माध्यम से इस बात को विस्तार से समझाया गया। साथ ही प्रह्लाद चरित्र के बारे में विस्तार से सुनाया और बताया कि भगवान नृसिंह रुप में लोहे के खंभे को फाड ़कर प्रगट होना बताता है कि प्रह्लाद को विश्वास था कि मेरे भगवान इस लोहे के खंभे में भी है और उस विश्वास को पूर्ण करने के लिए भगवान उसी में से प्रकट हुए एवं हिरण्यकश्यप का वध कर प्रह्लाद के प्राणों की रक्षा की। कथा के दौरान भजन गायक व्यास ने भजनों की प्रस्तुति दी।
ग्राम पंचायत बिहारा में चल रही सात दिवसीय भागवत कथा कथा वाचक ने महाभारत व रामायण से जुड़े विभिन्न प्रसंग सुनाए। उन्होंने कहा कि परम सत्ता में विश्वास रखते हुए हमेशा सद्कर्म करते रहना चाहिए। सत्संग भलाई के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती है। कथा यजमान श्याम लाल मिश्रा ने बताया कि भागवत के उपरांत रात्रि में रामलीला आयोजन किया जाता है। बुधवार को भगवान श्री कृष्ण के जन्म लीलाओं का आकर्षक ढंग से प्रस्तुतीकरण किया जाएगा। साथ ही विभिन्न झांकियां निकाली जाएगी। नवलेश दीक्षित ने बताया कि भागवत कथा की सभी व्यवस्थाएं ग्रामीणों द्वारा की जा रही है। कथा में सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित होकर कथा लाभ ले रहे हैं। श्रीमद्भागवत कथा के दौरान चुनकावन प्रसाद पांडे प्रधानपति, बांके बिहारी चैबे, बंसी बिहारी चैबे, रमाकांत मिश्रा, संतोष कुमार मिश्रा, भोलेराम शुक्ला आदि श्रोतागण मौजूद रहे।
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