मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाना प्रमुख उद्देश्य
स्वास्थ्य केन्द्रों पर खुशहाल परिवार दिवस का आयोजन
बांदा, के एस दुबे । छोटे-छोटे वीडियो के जरिए दंपति को परिवार नियोजन के लिए प्रेरित कर खुशहाल परिवार दिवस मनाया गया। इस दौरान दो बच्चों के बीच कम से कम तीन साल का सुरक्षित अंतर रखने के उपाय बताए गए। साथ ही परिवार पूरा हो जाने पर स्थाई परिवार नियोजन के साधन के रूप में नसबंदी अपनाने की अपील की गई। कई स्वास्थ्य केंद्रों पर विधायक सहित जनप्रतिनिधियों ने लोगों को जागरूक किया।
जिला महिला अस्पताल में अपर निदेशक स्वास्थ्य डा.आरबी गौतम ने बताया कि खुशहाल परिवार दिवस पर जिला अस्पताल से लेकर सभी स्वास्थ्य उपकेंद्रों तक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता और स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए शासन के निर्देश पर अब हर माह की 21 तारीख को इसी प्रकार खुशहाल दिवस का आयोजन किया जा रहा है। जहां दंपति को परिवार नियोजन के साधन उपलब्ध कराने के साथ उनकी जरूरत पर उनका संवेदीकरण किया गया। उन्होंने बताया कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में भी परिवार नियोजन सेवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। आयोजित कार्यक्रम में एक जनवरी के बाद प्रसव वाली उच्च जोखिम गर्भावस्था में चिन्हित महिलाएं, नव विवाहित दम्पति (जिनका विवाह इस साल जनवरी के बाद हुआ है) और वह दम्पति जिनके तीन या तीन से अधिक बच्चे हैं, उन्हें परिवार नियोजन के प्रति जागरूक करते हुए विस्तार से जानकारी दी गई।
![]() |
महिलाओं को परिवार नियोजन की जानकारी देतीं चिकित्सक |
मंडलीय परियोजना प्रबंधक आलोक कुमार ने बताया कि खुशहाल परिवार बनाने में आशा कार्यकर्ता और एएनएम की महत्वपूर्ण भूमिका है। वह घर-घर जाकर नव विवाहित दम्पति को परिवार नियोजन के बारे में बताएं। मंडलीय लाजिस्टिक मैनेजर अमृता राज ने कहा कि परिवार नियोजन के साधनों को लेकर यदि कोई भ्रान्ति होगी तो उसे भी वह दूर करें। दिवस पर लोगों को जागरूक करते हुए महिला नसबंदी, पुरुष नसबंदी, कंडोम, अंतरा, छाया सहित कॉपर-टी के बारे में बताया गया। इस मौके पर सीएमएस डा. ऊषा सिंह, डा. प्रमोद सिंह, चैतन्य कुमार, सुरेश पांडेय, हेमंत सहित स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित रहे। तिंदवारी स्वास्थ्य केंद्र में अंतरा इंजेक्शन लगवाने आई 27 वर्षीय सुनीता का कहना है कि उसके एक बेटी है। वह पिछले एक वर्ष से अंतरा लगवाकर परिवार नियोजन अपना रही है। पहले यह इंजेक्शन लगवाने के लिए सीएचसी जाना पड़ता था। लेकिन अब उसके गांव स्थित उपकेंद्र में अंतरा उपलब्ध होने से काफी राहत मिली है।
No comments:
Post a Comment