अझुवा कौशाम्बी, सुरेन्द्र कुमार पाल - अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (काशी प्रांत) का नगर पंचायत अजुहा के महत्माबुद्ध महाविद्यालय में रानी लक्ष्मीबाई जयंती पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ। उन्होंने कहा स्वंत्रता सेनानी रानी लक्ष्मी बाई को याद करते हुए कहा कि, उनकी शौर्य और गाथा हमेशा देशवासियों के लिए प्रेरणास्त्रोत रहेगी। वहीं देश की पहली महिला प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि देते हुए नमन किया। प्रांतीय कार्य समिति सदस्य रिचा पांडेय ने कहा आजादी की पहली लड़ाई में अद्भुत पराक्रम का परिचय देने वाली वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई को उनकी जयंती पर स्त्रियों को साहसी होना होगा। उनकी शौर्यगाथा देशवासियों के लिए हमेशा प्रेरणास्रोत बनी रहेगी।
मालूम हो वीरांगना लक्ष्मी बाई का जन्म 19 नवंबर 1828 को वाराणसी के अस्सी घाट के पास हुआ था। उनके पिता का नाम मोरेपंत और मां का नाम भागीरथी बाई था। रानी लक्ष्मी के बचपन का नाम मणिकर्णिका था। 14 साल की उम्र में उनकी शादी झांसी के राजा गंगाधर राव से हुई थी। रानी लक्ष्मीबाई ने अपनी बहादुरी से झांसी के किले पर कब्जा जमाने की कोशिश करने वाले अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए थे। इस अवसर पर विद्यालय प्रबंधक समेत तहसील संयोजक (सिराथू) जयकिशन मौर्या, नगर अध्यक्ष महेन्द्र सविता, नगर कार्यकारिणी सदस्य सुमन साहू, एवं महाविद्यालय के प्रशिक्षार्थी व अध्यापक आदि लोग उपस्थित रहे ।।
No comments:
Post a Comment