हमीरपुर, महेश अवस्थी । कुरारा विकासखंड के मिश्रीपुर ग्राम पंचायत में 5 प्रगतिशील किसानों द्वारा की जा रही महाराष्ट्र की प्याज की खेती ( लाल प्याज ) का जिलाधिकारी ने खेत में पहुँचकर अवलोकन/ निरीक्षण किया। कृषकों के इस प्रगतिशील कदम की सराहना की। ब्रोकली , पत्तागोभी , जैविक मूली व आलू की खेती को भी देखा ।महाराष्ट्र की इस लाल प्याज की खेती करने हेतु कृषकों को कृषि विज्ञान केंद्र कुरारा के वैज्ञानिकों ने सलाह दी तथा उन्हें प्रोत्साहित भी किया था। कृषि विज्ञान केंद्र कुरारा के वैज्ञानिक डॉ प्रशांत ने महाराष्ट्र के प्याज अनुसंधान केंद्र से इसका बीज मंगाकर कृषकों को उपलब्ध कराया । इसकी खेती हेतु जरूरी तकनीकी सलाह भी दी । प्याज की
पैदावार 40 कुंटल प्रति बीघा होती है, तथा प्रति बीघा लागत ₹ 25000 से ₹30000 आती है । एक से डेढ़ लाख रुपए प्रति बीघा की आमदनी कृषकों को होती है । बुंदेलखंड की मिट्टी इस प्याज की खेती अत्यंत लाभदायक है। अन्य परंपरागत फसलों के मुकाबले इसकी खेती किसानों की आय बढ़ाने में कहीं अधिक कारगर है।
कृषकों द्वारा इस खेती के लिए ड्रिप व स्प्रिंकलर सेट की मांग पर जिलाधिकारी ने उद्यान अधिकारी उमेश चंद्र उत्तम से कहा कि इन प्रगतिशील कृषकों को ड्रिप स्प्रिंकलर सेट प्राथमिकता पर दिया जाय। किसानों द्वारा खेत के पास की सड़क बनवाने की मांग पर जिलाधिकारी ने क्रिटिकल गैप्स तथा मनरेगा कन्वर्जेंस के अंतर्गत निर्माण कराने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कृषकों से गौशाला प्रबंधन, सामुदायिक शौचालय तथा अन्य विकास कार्यों के बारे में जानकारी ली।
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