किशोरियों के चाचा ने जताई हत्या की आशंका
तालाब में डूबने से हुई मौत: एसपी
फतेहपुर, शमशाद खान । असोथर थाना क्षेत्र के छिछनी गांव में सोमवार की दोपहर करीब एक बजे घर से चना का साग तोड़ने जंगल गई दो सगी नाबालिग दलित बहनों की कथित रूप से हत्या कर शव तालाब में फेंकने की घटना से जिले में सनसनी फैल गई। खबर पाते ही जिले के आला अधिकारी देर रात मौके पर पहुंचे और घटना का बारीकी से जायजा लिया। घटना को लेकर रात से गांव पुलिस छावनी में तब्दील रहा। देर रात जिलाधिकारी संजीव सिंह, पुलिस अधीक्षक प्रशांत वर्मा, अपर पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार, उप जिलाधिकारी सदर प्रमोद झा, सीओ थरियांव ने भी मौके पर पहुंच कर घटना का बारीकी से जायजा लिया। मंगलवार की दोपहर करीब एक बजे प्रयागराज क्षेत्र के आईजी कवीन्द्र प्रताप सिंह ने भी गांव पहुंच कर घटनास्थल का जायजा लिया और परिजनों से मिले बिना ही घटनास्थल से वापस चले गये।
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घटनास्थल का निरीक्षण करते आईजी, डीएम, एसपी व अन्य। |
पुलिस अधीक्षक प्रशांत वर्मा ने बताया कि सोमवार को देर रात छिछनी गांव में दिलीप धोबी की पुत्री सुभी 8 वर्ष व उसकी बहन किरन 12 वर्ष के शव जंगल में एक सिंघाड़े के तालाब में मिले हैं। उन्होंने परिजनों के हवाले से बताया कि सोमवार को दोपहर करीब एक बजे जंगल चना का साग तोड़ने गई थीं। देर शाम तक घर वापस नहीं आयीं तो लोग खोजने निकले। जंगल नाला/नदी के समीप स्थित एक भूमिधारी तालाब में पड़े सिंघाड़े के तालाब में दोनों के शव तैरते मिले हैं। उन्होंने बताया कि दोनों की दोनों आंखों में चोंट के निशान हैं। जो तालाब में गिरने से आये हैं। उन्होने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पानी में डूबने से मौत होना प्रकाश में आया है। उधर ग्रामीणों के अनुसार किशोरियों का पिता दिलीप मुबंई में रहता है। वह परिजनों का भरण-पोषण करने के लिए प्राइवेट नौकरी करता है। पिता को सूचना दे दी गई है। ग्रामीणों और किशोरियों के चाचा ने बताया कि असोथर पुलिस को शव ले जाने से ग्रामीण रोक रहे थे। पुलिस जोर जबरदस्ती कर शव लेकर थाने चली गई। ग्रामीणों ने हत्या की आशंका जताई है। गांव में किसी प्रकार के तनाव को देखते हुये भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा। किशोरियों के चाचा लक्ष्मी ने कहा कि सोमवार की रात आठ बजे तालाब में तैरते हुये शव मिले हैं। उसका आरोप है कि पुलिस ने बिना परिजनों को लिवाये और बिना पंचनामा आदि किये ही शव रात को ही उठा ले गई थी, जिसकी इजाजत कानून नहीं देता है। उसके अनुसार चना का साग खेत की मेड़ पर बिखरा पड़ा था। मंगलवार को पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजन ग्रामीणों के साथ शव लेकर गांव पहुंचे और अंतिम संस्कार करने से इंकार किया। उनका कहना था कि जब तक रिपोर्ट उन्हे नहीं मिलेगी तब तक अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। इस बात को लेकर भारी संख्या में गांव में मौजूद पुलिस बल से तीखी झड़पे हुईं। पुलिस प्रशासन लगातार शव का अंतिम संस्कार करने का दबाव बना रहा था।
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