बीएचयू में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर हुआ चयन
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि। भगवान् श्रीराम की तपोस्थली चित्रकूट की धरती एक ओर जहाँ आध्यात्मिक और प्राकृतिक रूप से धनाढ्य है वहीं दूसरी ओर सदा से संसाधनविहीन रही है। बावजूद इसके इस पवित्र धरती में उपजे प्रतिभाशाली व्यक्तित्वों ने देश-विदेश में यहाँ का गौरव स्थापित किया है।
इन्हीं प्रतिभाशाली व्यक्तित्त्वों में डॉ शैलेन्द्र कुमार साहू हैं। जिनका जन्म चित्रकूट के बीहड़ में बसी मानिकपुर तहसील में हुआ। इन्होंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा अपने गृहनगर से पूरी कर प्रयागराज को अपनी कर्मस्थली बनाया। प्रयाग की पावन धरा पर रहकर ही इन्होंने समस्त शैक्षणिक उपाधियाँ एमए, बीएड, यूपीटेट, सीटेट, नेट, जेआरएफ एवं पीएचडी अर्जित कीं। शोधकार्य पूरा करते ही इनका चयन इलाहाबाद विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग में अतिथि प्रवक्ता पद हुआ। एक साल के भीतर ही माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ,उत्तर प्रदेश में प्रवक्ता पद पर तीसरा स्थान प्राप्त किया और एक साल इस पद पर सेवा देकर उच्च शिक्षा में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर आसीन
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डा शैलेन्द्र ने बढ़ाया जिले का गौरव |
हुए। जरा सोचिए कि वर्तमान व्यवस्था में जहाँ अधिकांश प्रतियोगी छात्र-छात्राएँ सरकारी नौकरी पाने के लिए दिन-रात मशक्कत करते हैं और फिर भी अधिकांश निराशा ही हाथ लगती है। वहीं चित्रकूट के इस कोहिनूर हीरे ने एक के बाद एक लगातार दुर्लभ सफलताएँ अपने नाम की हैं। बेशक कड़ी मेहनत और लगन का परिणाम मिलता है, किंतु भाग्यं फलति सर्वत्र को भी नकारा नहीं जा सकता। डॉ साहू का सफर अभी यहीं पर नहीं रुका बल्कि इन्होंने अपनी प्रतिभा की चमक से एक बार और अपने जनपद सहित पूरे प्रदेश को चकाचैंध किया है। जी, हाँ अभी हाल ही में इनका चयन एशिया के बहुचर्चित और प्रतिष्ठित संस्थान बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृत साहित्य विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर हुआ है। बीएचयू जैसे संस्थान में चयनित होना वाकई बहुत बड़ी उपलब्धि है। इनकी इस सफलता से घर-परिवार, नगर, जनपद और समूचे प्रदेश का गौरव बढ़ा है।
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