चित्रकूट, ललित किशोर त्रिपाठी । महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट द्वारा आयोजित वित्तीय साक्षरता पर राष्ट्रीय वेबिनार का उद्घाटन प्रो अमिताभ सक्सेना, कुलपति प्रो सी वी रमन विश्वविद्यालय, खंडवा, मध्यप्रदेश के उद्बोधन से प्रारंभ हुआ। प्रो सक्सेना ने वेबीनार को समसामायिक बताते हुए कहा कि वित्तीय साक्षरता एवं निवेशक जागरूकता आज समय की मांग है। प्रसन्नता है कि ग्रामोदय विश्वविद्यालय इस कार्य में आगे आकर अपनी भूमिका को स्पष्ट कर रहा है।उन्होंने कहा कि एक जागरूक निवेशक हमेशा लाभ लेता रहता है तथा दूसरों के लिए रोल मॉडल बनता है। डॉ राजेश त्रिपाठी आयोजन सचिव ने उपस्थित सभी अतिथियों एवं सहयोगियों का स्वागत करते हुए विषय प्रस्तावना प्रस्तुत की। डॉ संजय अग्रवाल ने वेबीनार के उद्देश्य पर प्रकाश डाला तथा मुख्य वक्ताओं का परिचय दिया।
प्रो जे.पी.एन पांडेय, पूर्व प्राचार्य शासकीय महाविद्यालय सागर ने गांधीजी के ट्रस्टीशिप सिद्धांत का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि वित्तीय साक्षरता के माध्यम से अंतिम व्यक्ति को भी समाज की मुख्यधारा में लाया जा सकता है। सरकार की मंशा सभी को वित्तीय खाके में लाना है। वित्तीय साक्षरता के माध्यम से सभी को जागरूक किया जा सकता है। महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो नरेश चंद्र गौतम ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि विश्वविद्यालय इस विषय पर कार्य करें और शिक्षक आलेख तैयार करें जिससे आम जनता, छात्रों,महिलाओं और वृद्ध जनों को यह जानकारी प्राप्त हो सके कि उन्हें भविष्य में अपने वित्तीय खर्चे किस रूप में करना है तथा भविष्य में हम बचत किस रूप में कर सकते हैं। सेबी की सहायक महाप्रबंधक गरिमा माहेश्वरी ने अपने उद्बोधन में कहा कि कोविड-19 के दौरान भारत में समस्त वित्तीय गतिविधियां संचालित होती रही हैं।उन्होंने अपने उद्बोधन में बताया कि म्यूचुअल फंड में कोई भी कम से कम राशि से निवेश कर सकता है। निवेशक की जानकारी उसके लिए विकास का रास्ता खुलती है।
डॉ सूर्यकांत शर्मा सलाहकार ने अपने उद्बोधन में कहा कि हर परिवार का आपातकालीन कोष होना चाहिए। यह कोष निवेश नहीं होना चाहिए। सभी का बीमा होना चाहिए एवं सभी का स्वास्थ्य बीमा होना चाहिए। बचत को समय के साथ 10 प्रतिशत बढ़ाते जाएं। उन्होंने सोचकर , समझकर , निवेशकर का मंत्र दिया जिससे निवेश में कम से कम नुकसान हो। उन्होंने निवेश के विभिन्न प्रारूपों पर सम्मक जानकारी प्रस्तुत की । उन्होंने ज्यादा लाभ के चक्कर में ' पोंजी स्कीम ' में निवेश ना करने हेतु सभी को आगाह करते हुए कहा कि किसी को भी इस के बहकावे में नहीं आना चाहिए।
एन.एस.डी.एल के अनूप अग्रवाल ने नेशनल पेंशन सिस्टम के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 2004 से नियुक्त कर्मचारियों के लिए सरकार ने इस पेंशन योजना के बारे में जानकारी दी।उन्होंने कहा कि आम व्यक्ति की औसत आयु बढ़ रही है अतः उत्पादक उम्र के बाद भी व्यक्ति के खर्चे बने रहते हैं। अपने उद्बोधन में एनएसडीएल की अमृता जाधव ने जानकारी दी कि एन.पी.एस एक गतिशील सिस्टम है जिसमें रिटायरमेंट और निवेश दोनों लाभ मिलते हैं। एनपीएस में टैक्स छूट भी प्राप्त होती है। अधिष्ठाता प्रोफेसर अमरजीत सिंह ने प्रो अमिताभ सक्सेना, प्रो जेपीएन पांडेय, डॉ सूर्यकांत शर्मा, गरिमा माहेश्वरी, अनूप अग्रवाल, संजय अग्रवाल, गरिमा जाधव को सारगर्भित उद्बोधन के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। वेबीनार में विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं अन्य शिक्षकों एवं शोध छात्रों ने सहभागिता की। सत्र का संचालन विभिन्न आर के संयोजक डॉ देवेंद्र प्रसाद पांडेय ने किया।
No comments:
Post a Comment