महिलाओ की प्रेरणा बनी रोमा
हमीरपुर, महेश अवस्थी । महिलाएं ही महिलाओ को दर्द ज्यादा समझ सकती है , क्योंकि बच्चे के लालन पालन से लेकर परिवार चलाने की जिम्मेदारी उसी की होती है ।गरीबी का दर्द हो या संघर्ष का समय ,उन्हे उसमे चलने का रास्ता परिस्थितियां सिखा देती है ।यह बात बुंदेली महिला सेना की जिला प्रभारी डॉ रोमा सिंह ने कही ।ग्रेजुएट युवतीने समाज मे महिलाओ को धक्के खाते देखा तो उससे रहा नही गया और वह महिलाओ के संकट दूर करने के लिए समाज सेवा में उतर आयी ।रोमा ने राष्ट्रीय आजीविका मिसन के सहयोग से 1,80 लाख मास्क बनवाकर वितरित कराए।उनके साथ आज 60 महिलाएं व 20 बालिकाओं की टीम है।उन्हें रोजगार के मौके दिलाने का काम किया ।इन्ही के सहयोग से प्राइमरी स्कूल के बच्चों को 1,04 लाख ड्रेस सिलकर बटवाई ।आज सभी ब्लाकों में कैंटीन महिलाओ के सहयोग से चलवा रही है।आज रोमा महिलाओ के लिए प्रेरणा बनकर रास्ता दिखा रही है।उन्होंने गांव गांव जाकर महिलाओ को जागरूक करने के साथ उनकी समस्याओं के लिए संघर्ष कर रही है ।शहर
हो या गांव महिलाएं बराबर की भागीदारी के लिए उन्हें चिंतित और प्रयत्नशील दिखी ।इसी लिए महिला सेना का गठन कर इस मुहिम को गति दे रही है ।उन्होंने कहा कि हमारा लक्षय महिलाओ को स्वावलम्बी बनाकर अपने पैरों में खड़ा करना है।ताकि उनका शोषण उत्पीड़न न हो सके । खादी ग्रामोद्योग के बेरोजगारों को वे प्रशिक्षण भी देती है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के लिए भी काम कर रही है।ताकि बेटिया सुरक्षित रह सके।बुंदेली सेना अब गांव गांव पहुंचकर महिलाओ को जगाने का काम कर रही है।वे जल्द ही बुंदेली सेना का जिला स्तरीय सम्मेलन हमीरपुर मुख्यालय में करने जा रही है,ताकि महिलाओ में उत्साह जगा सके ।उन्होंने कहा कि अगर मेरे पिता संतराम आचार्य व पति जगभान का सहयोग व प्रेरणा न होती तो मैं अपने मुकाम तक न पहुंच पाती ।मैं भी महिलाओ की टीस लिए घर मे कुढ़ती रहती ।
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