बढती सर्दी और बर्फीली हवाओं के कारण बढी दमा और ह्रदय के रोगियों की संख्या।
डाॅक्टरों ने सर्दी में सचेत रहने तथा किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर तत्काल चिकित्स से परामर्श लेने को कहा।
कानपुर नगर, हरिओम गुप्ता - नवम्बर महीना लगभग पूरा होने की ओर है और इसके साथ ही पूरे प्रदेश के साथ कानपुर भी सर्दी की चपेट में आ चुका है। पहाडों पर हो रही बर्फबारी के कारण कानपुर में भी चल रही सर्दीली हवाओं के कारण जहां पारा गिरा है तो वहीं बढती ढंड व हवाओं के कारण शहरी कांप उठे है। बढती सर्दी के कारण बच्चों के साथ ही दमा तथा ह्रदय रोगियों की सृख्या में भी वृद्धि हुई है। इसके साथ ही शहर में बढता प्रदूषण भी मानव स्वास्थ पर बुरा असर डाल रहा है।
पहाडों पर हो रही भारी बर्फबारी का असर कानपुर में पडने लगा है और तेज चलती बर्फीली हवाओं के कारण जहां पारा नीचे गिरा है तो वहीं लोग भी ठण्ड के कारण कांप उठे है। सोमवार की रात से ही चल रही हवाओं ने वातावरण में सर्दी तथा गलन बढा दी और न्यूनतम तापमान लगभग 9 डिग्री सेस्लियस तक जा पहुंचा। मौसम वैज्ञानिकों की माने तो पहाडो पर भारी बर्फबारी हो रही है। पश्चिमी हिमालय के बर्फीली क्षेत्रों से आने वाली हवाओं के कारण सर्दी बढी है और तापमान में गिरावट आई है आने वाले समय में तापमान और भी नीचे जायेगा साथ ही आने वाले तीन-चार दिनों में बारिश के भी आसार बन रहे है। मौसम वैनानिक डा0 एसएन पांडेय के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ बनने के कारण बारिश हो सकती है। इसके साथ ही आने वाली एक सप्ताह में तेजी से तापमान में भी गिरावट दर्ज की जा सकती है। उन्होने कहा कि शहरी सर्दियों और शीतलहर में सावधान रहें।
सर्दी बढने के साथ ही बढने लगी दमा व ह्रदय रोगियों की संख्या
जैसे-जैसे सर्दी बढती जा रही है वैसे-वैसे दमा और ह्रदय रोगियों की परेशानी भी बढती जा रही है और इनकी संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। इसके साथ ही वायरल ने भी अपने पैर पसार रखे है। कोरोना का भय पहले से ही है और ऐसे में सर्दी के कारण होने वाली आम बीमारी भी लोगों को विचलित कर रही है। कोरोना की स्थिति में अभी कोई सुधार नही हुआ है। मात्र व्यक्तिगत सावधानी रखकर ही इससे बचा जा सकता है ऐसे में सर्दी बढते ही लोगो के सामने स्वास्थ्य का खतरा पैदा हो गया है। बुजुर्गो और बच्चों के प्रति ज्यादा सावधान रहने की आवश्यकता है। कानपुर के ह्रदय रोग संस्थान में तेजी से ह्रदय रोगियों का आना शुरू हो गया है। यहां हालत अभी से ही ऐसे है कि मरीजों के लिए बेड नही है तो वहीं अस्पताल प्रशासन इस बात से परेशान है कि किस प्रकार से इस स्थिति को नियंत्रित किया जाये। डाकटरीों कीी माने तो हार्ट हटैक रोयिागें को सर्वप्रर्थम कम से कम 24 से 48 घंटो के लिए माॅनीटरिंग के तहत रखा जाता है और ह्रदय रोग संस्थान में कानपुर के साथ साथ आस पास के क्षेत्रों से भी मरीज आते है और ऐसे में प्रारम्भिक उपचार में परेशानी हो रही है। डाक्टरो का कहना है कि आने वाले मरीजों के साथ उनके परिजन भी होते है जिससे भीड बढना स्वाभाविक है और ऐसे में कोरोना का भी खतरा बना रहता है। सभी का नियत्रित करने में कठिनाई हो रही है। वहीं काॅर्डियोलाॅजी में गाइडलाइन के अनुसार बेडों को सेट किया गया है। कहा आखिर ह्रदय के मरीजों का मामला बडा गंभीर होता है और उन्हे तत्काल प्रभाव से उपचार की आवश्यकता होती है यह हम अच्छी तरह जानते है और हम किसी भी प्रकार से किसी भी मरीज को अच्छे से अच्छा उपचार देने के लिए प्रयासरत रहते है। इसी बीत राहत की खबर यह है कि लक्ष्मीपत सिंघानिया इंस्टीटयूट आॅफ कार्डियोलाॅजी में आयोग से चयनित होकर तीन डाॅक्टर आये है। माना जाता है कि तीन आने वाले डाक्टरों के कारण मरीजों के इलाज में काफी राहत मिलेगी। यहां जीएसवीएम मेडिकल काॅलेज में तैनात एसोसिएट प्रो0 डा0 मोहित सचान को बतौर कार्डियोलाॅजिस्ट तैनाती मिली है और दो और सर्जन तथा एक मेडिसिन के लिए डाक्टर उपलब्ध कराये गये है।
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