धनतेरस पर बुधवार से ही उमड़ने लगी भीड़
तमाम कंपनियां उत्पादों में दे रही हैं भारी छूट
बांदा, के एस दुबे । अबकी बार दीवाली में बाजार का माहौल तो गर्म नजर आ रहा है, लेकिन तमाम विपदाओं के कारण ग्राहकों की जेब कुछ ठंडी नजर आ रही है। महंगाई डायन का असर इतना ज्यादा होने के बावजूद खरीददारों का हौसला अभी बरकरार है। यह बात दीगर है कि खरीददारी अबकी बार पिछले वर्षों की अपेक्षा कम होने की पूरी संभावना नजर आ रही है। ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए तमाम कंपनियों ने अपने उत्पादों में भारी छूट दे रखी है। इधर, किसानों पर गिरी दैवीय आपदाओं की गाज, नोटबंदी, जीएसटी और आर्थिक मंदी का असर दीवाली की बाजार में साफ दिखाई दे रहा है।
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दुकान में फ्रिज देखता खरीददार युवक |
दीपावली पर खरीददारी के लिये ग्राहकों के लिये तमाम तरह की छूट और आॅफर के साथ पांच दिनों की बाजार सज चुकी है। किसानों की बदहाली का सीधा असर दीपावली की बाजार में देखने को मिल रहा है। धनतेरस पर सबसे ज्यादा खरीददारी सरार्फा बाजार से होती है। सरार्फा बाजार में प्रतिष्ठित ज्वैलर्स में मनमोहन गोयल, अविजित गोयल, सत्यप्रकाश, सुनील गोयल और इंद्रेश जड़िया का कहना है कि पिछले वर्षों की तुलना में सोने-चांदी की कीमतों में भारी उछाल आया है। बताते हैं कि जहां पिछले वर्ष सोने की कीमतें लगभग 38 हजार रुपए प्रति दस ग्राम थी, वहीं इस बार कीमतों में भारी उछाल आया है और सोने का रेट 52 हजार से अधिक है। जबकि इस बार महारानी विक्टोरिया और जार्ज किंग वाले चांदी के सिक्के 850 रुपये में बिक रहे हैं। इसी तरह लक्ष्मी-गणेश अंकित चांदी का सिक्का इस बार 680 रुपये का है, जबकि पिछली बार यही सिक्का 520 रुपये का बिका था।
बर्तन की दुकान में बैठे खरीददार
तिथियों के फेर में फंसा धनतेरस पर्व
बांदा। प्रकाश पर्व दीपावली वैसे तो पांच दिनों तक मनाए जाने का प्रावधान रहा है, लेकिन इस बार तिथियों के हेर-फेर के चलते धनतेरस का पर्व दो दिन तक मनाया जा सकता है। ज्योतिष के विद्वान आनंद शास्त्री बताते हैं कि इस बार त्रयोदशी तिथि का शुभारंभ गुरुवार की शाम 6 बजकर 30 बजे से लेकर शुक्रवार की शाम 5 बजे तक है। ऐसे में धनतेरस की खरीददारी के लिए दोनों दिन शुभ मुहूर्त बताए गए हैं। बताया कि धनतेरस पर धातु की वस्तुओं की खरीददारी सुख व सम्पन्नता का कारक माना जाता है।
बाजार में खरीददारी करती महिलाएं
बर्तन की दुकानें भी सजाई गईं
बांदा। धनतेरस पर बर्तनों की सेल भी बुंदेलखंड में बहुतायत होती है। आम आदमी की मान्यता है कि धनतेरस पर कम से कम एक बर्तन घर जरूर आना चाहिये। ऐसे में ग्राहकों को लुभाने के लिए चैक बाजार में तीन दर्जन से भी ज्यादा चमचमाते नये बर्तनों की बड़ी दुकानें सजी हुई हैं। अब दुकानदारों को ग्राहकों का इंतजार है। दुकानदारों की मानें तो इस बार भी त्यौहारी बाजार शहरी ग्राहकांे की आमद पर ही टिकी है। कहते हैं कि फसल के कमजोर उत्पादन व दैवीय आपदाओं से परेशान किसान कई वर्षों से बाजार से दूर है और रस्म अदायगी से काम चला रहा है।
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