कई महानगरों में रात्रि लॉकडाउन ने श्रमिकों की उड़ाई नींद
पूर्व में संसाधनों के अभाव में पैदल घर पहुँचे थे श्रमिक
फतेहपुर, शमशाद खान । महानगरों में एक बार फिर शुरू हुई कोरोना की लहर ने रोजगार के लिये दोबारा से गांव से महानगरों को गये मजदूरों का दोबारा से पलायन शुरू हो गया है। दिल्ली, मुम्बई, गुजरात, हरियाणा व एमपी जैसे राज्यो में एक बार फिर से कोरोना की लहर बढ़ने से लॉकडाउन जैसी स्थिति बन रही है। ऐसे में कई जगहो पर रात्रि का लाकडाउन लगाए जाने के साथ ही एक बार फिर से पूरी तरह लॉकडाउन होने की संभावना देखते हुए गाँव से इन महागरों को गये मजदूरों का पलायन एक बार फिर से गांव वापसी की तरफ शुरू हो गया है। कभी रोजगार का सपना लेकर महानगरों का रुख करने वाले श्रमिकों ने इस तरह वापसी की कभी परिकल्पना भी नहीं की होगी लेकिन देश मे अचानक फैली कोविड-19 रूपी महामारी ने लोगों के सपनों को धराशाही कर दिया। गांव में तंगहाली में जीने वाले श्रमिकों ने अपने बच्चों के लिये बेहतर जिंदगी की जुगत में महानगरों का रुख किया था
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स्टेशन से बाहर आते यात्री। |
और जुग्गी झोपड़ी में जीवन बसर करते हुए अपनी जीविका शुरू की थी। बच्चों को शिक्षा और अच्छा माहौल उपलब्ध कराने के लिये श्रमिकों का संघर्ष जारी था तभी कोरोना ने देश मे दस्तक दे दी और देश मे कोरोना महामारी के दौर की शुरुआत के बाद देशभर में लॉकडाउन लगाए जाने के बाद महानगरांे में रोजगार की तलाश में गये लोगों के काम धंधे ठप हो गये थे ऐसे में भुखमरी जैसी स्थिति का सामना करने वाले श्रमिकों के सामने अपना सब कुछ छोड़कर गांव की ओर लौटने के अलावा कोई रास्ता न देख श्रमिको का बड़े पैमाने पर पलायन हुआ था। लॉकडाउन के दौरान जहाँ लोगो के काम धंधे ठप हुए थे वही आवागमन के संसाधन बसें ट्रेनें एव हवाई जहाज समेत सभी तरह के ट्रांसपोर्ट साधन बन्द होने से गांव की ओर लौटने वालो को निजी गाड़ियों, माल ढोने वाले ट्रकों, टैंकरों में छिपकर साइकिल व पैदल ही सैकड़ो किलोमीटर की गांव वापसी की दूरी तय कंरनी पड़ी थी। छह माह से अधिक बेरोजगार रहने के बाद कोरोना का प्रकोप कम होते ही रोजगार की तलाश में ग्रामीणांचलो में रहने वाले लोगो ने एक बार फिर से महानगरो की ओर रुख किया था। अभी श्रमिको ने ठीक से कामकाज कर अपनी जीविका की शुरुआत भी नही की थी परंतु एक बार फिर से कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत ने श्रमिकों की एक बार फिर से नींदे उड़ा दी और उन्हें घर वापसी पर मजबूर होना पड़ा। पूर्व में हुई परेशानी को देखते हुए श्रमिकों ने समय रहते ही दिल्ली, मुम्बई, गुजरात, पंजाब, हरियाणा महानगरों से एक बार फिर से पलायन करना शुरू कर दिया है। महानगरों से आने वाले वाहनों एवं ट्रेनों में श्रमिकों की उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए एक बार फिर से लॉकडाउन जैसी गंभीर स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। लोगों के बीच एक बार फिर से देश में कोरोना बढ़ने से दोबारा से लॉकडाउन जैसी स्थिति को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।
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