श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन प्रेम की बताई महिमा
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि। मुख्यालय के तरौंहा स्थित आचार्य अंबिका प्रसाद द्विवेदी के आवास में चल रही श्रीमद् भागवत महापुराण की कथा का रसपान कराते हुए भागवताचार्य शिवदीप शास्त्री ने बताया कि भगवान प्रेम भाव के भूखे होते हैं।
भागवत कथा रसपान कराते भागवताचार्य।
रविवार को श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन भागवताचार्य शिवदीप शास्त्री ने कहा कि दुर्योधन ने 56 प्रकार के व्यंजन बनवाए, लेकिन भगवान ने स्वीकार नहीं किया। जबकि विदुर के पास कुछ भी न होते हुए भगवान का पदार्पण हुआ। केले के छिलके खाकर मंत्रमुग्ध हो गए। भगवान को भोजन में सबसे अधिक तृप्ति दो बार हुई है या तो शबरी के यहां या फिर विदुर के यहां। कथा व्यास ने भगवान प्रेम भाव केा निरुपम करते हुए मां की ताकत को बताया कि एक मां के संकल्प ने साधारण बालक धु्रव को सत्संग के माध्यम से भगवान की गोद में बैठा दिया। आचार्य लक्ष्मीकांत पाण्डेय नित्य परायण किया जा रहा है। इस मौके पर श्रोतागण मौजूद रहे। इस दौरान प्रसाद वितरित किया गया।
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