फतेहपुर, शमशाद खान । हथगांव थाना क्षेत्र के इदरीसपुर उर्फ नाथूपुर निवासी नात, हम्द, मतकबत, गजलों और देशप्रेम की कविताओं के बुजुर्ग शायर सरवर फतेहपुरी (नाथूपुरी) के निधन से शोक की लहर दौड़ गई। क्षेत्र के कवि-शायर बेहद आहत हैं।उनके निधन से शायरी और आवाज की जादूगरी का खात्मा हो गया। वह पंचानबे साल की उम्र में भी बेहतरीन आवाज में कलाम पढ़ते थे। पंद्रह दिनों की अचानक बीमारी ने उन्हें दुनिया से उठा लिया। आपने देश के विभिन्न क्षेत्रों में मंचों पर काव्य पाठ एवं शायरी की किताबों से फतेहपुर का नाम रोशन किया। रहमते सरापा, नूरे मुजस्सम, नगमाते नवाबिया, रहमत ए तमाम पहला, रहमत ए तमाम दूसरा एडिशन जो पाकिस्तान में भी छपा था, अभी हाल में गजलों एवं नज्मों का संग्रह चमन जारे सुखन जैसी किताबों के रचयिता सरवर फतेहपुरी का असली नाम हबीब सरवर था। कुछ दिनों तक सुर्खाब उपनाम से हास्य व्यंग की भी शायरी करते रहे। बाद में वे पूरे इलाके में सरवर नाथूपुरी के नाम से मशहूर हुए। मुंबई में रहते हुए उन्होंने साहिर लुधियानवी, कैफ भोपाली, हसरत जयपुरी, मजरूह सुल्तानपुरी जैसे फिल्मी गीतकार एवं अंतरराष्ट्रीय शायरों के साथ कलाम पेश करते रहे। हास्य कलाकार जगदीप की बहन वफा को भी शायरी सिखाते रहे। अपने जमाने की
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स्व0 शायर सरवर फतेहपुरी। |
फिल्म नायिका नूतन, नादरा, मुमताज आदि के साथ भी इनके मधुर संबंध रहे। बीमार रहने के कारण वे अपने गांव इदरीसपुर (प्रचलित नाम नाथूपुर) चले आए और आजीवन यहीं रहकर शेरो शायरी करते रहे। सूफी सैयद नूरुल हसन काजीपुर उनके शिष्य थे जिन्होंने उनकी रचनाओं को किताब का रूप दिया। कुछ कलाम उनके पूरी दुनिया में मशहूर हुए। शायर सरवर नाथूपुरी के निधन पर क्षेत्र के कवि और शायर शिवशरण बंधु, डॉ वारिस अंसारी, समीर शुक्ला, शिवम् हथगामी, जीशान इलाहाबादी, शिव सिंह सागर, वसीक सनम, अशफाक अहमद पप्पू, अनुज साहू शम्स, नीलेश मौर्य, सफी हांबल, अहमद रियाज, आशू शर्मा, हामिद रजा आदि कवियों एवं शायरों ने दुख व्यक्त किया है।
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