आशा करेंगी सर्वे बीमारों को भेजेंगी अस्पताल
हमीरपुर, महेश अवस्थी । जनपद में डेंगू बुखार के बढ़ते मरीजों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने गांव-गांव सर्वे शुरू करा दिया है। इस काम में आशा कार्य कर्ताओं को लगाया गया है। दो दिन से ज्यादा बुखार वाले मरीजों को निकटवर्ती अस्पतालों में दिखाने और लक्षण के आधार पर मलेरिया, डेंगू की जांच कराने के निर्देश दिए गए हैं। ग्राम स्वास्थ्य समितियों के माध्यम से भी एंटी लार्वा दवा का छिड़काव कराया जा रहा है।मौसम के उतार-चढ़ाव की वजह से इस वक्त बुखार के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। डेंगू लक्षण वाले मरीज भी बढ़ रहे हैं। जिला अस्पताल में डेंगू मरीजों के इलाज के साथ ही गंभीर मरीजों को मेडिकल कॉलेज कानपुर या झांसी रेफर किया जा रहा है। जनपद में डेंगू बुखार ने सबसे ज्यादा सदर तहसील और राठ को प्रभावित किया है। मौदहा-सरीला तहसीलों के भी गांवों में बुखार के मरीजों के मिलने का सिलसिला शुरू हो गया है। कोरोना संक्रमण के साथ-साथ बुखार के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग सतर्कता बरत रहा है।सी एम ओ डॉ.आरके सचान ने बताया कि बुखार के मरीजों में हो रही बढ़ोत्तरी के चलते गांव-गांव सर्वे शुरू कराया गया है। आशा बहुओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वह अपने-अपने क्षेत्र में भ्रमण कर बुखार ग्रसित मरीजों का पता लगाएं। जिस व्यक्ति को दो दिन से ज्यादा बुखार आ रहा है, उसे तत्काल इलाज के लिए निकटवर्ती अस्पताल ले जाएं। डेंगू, मलेरिया जैसे लक्षण दिखने पर उनकी जांच कराएं। यह सभी कार्य कोविड-19 की गाइडलाइन के अनुसार किए जाएं, ताकि कोरोना के संक्रमण से भी बचा जा सके।जिला मलेरिया अधिकारी आरके यादव ने बताया कि संक्रमित वयस्क मादा मच्छर के काटने से मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू और चिकुनगुनिया तथा जापानी इंसेफिलाइटिस जैसी बीमारियां फैलती हैं। इन सभी बुखारों के नि:शुल्क उपचार की अस्पतालों में व्यवस्थाएं हैं। डेंगू फैलाने वाला एडीज मच्छर साफ पानी में पनपता है। घरों में खुली टंकियां, पुराने टायर, खाली डिब्बे, कूलर, फ्रिज के पीछे पानी वाली ट्रे, गमले, खाली बोतलें, मनी प्लांट में इसका लार्वा पनपता है। ज्यादा ठंड होने पर स्वत: समाप्त हो जाता है।
गांव-गांव बुखार पीड़ित मरीजों का सर्वे करती आशा कार्यकर्ता।
डेंगू से बचाव --
- सामान्य जांच में प्लेटलेट्स कम होने पर डेंगू की जांच कराएं।
- पूरी आस्तीन के कपड़े व मोजे पहनें, शरीर को ढककर रखें।डेंगू के मरीज को मच्छरदानी में रखें। बुखार उतारने के लिए तत्काल पैरासिटामाल टैबलेट दें, या पानी की पट्टी का इस्तेमाल करें।
- घर के आसपास पानी इकट्ठा न होने दें। पानी अगर इकट्ठा हो तो उसमें मिट्टी या तेल या जला मोबिल आयल डाल दें।
- क्या न करें
- -अप्रशिक्षित डॉक्टरों के चक्कर में न पड़कर धन और समय बर्बाद न करें।
- बगैर डॉक्टर की सलाह के किसी भी दवा का सेवन न करें।
- बुखार तेज होने व अधिक घबराहट होने पर लापरवाही न करें।
लक्षण
तेज बुखार के साथ बदन दर्द, सिर दर्द, आंखों के पीछे दर्द व जोड़ों में दर्द, महीन दाने या खराश, जी मिचलाना व उल्टी आना।बुखार के साथ शरीर में लाल दाने निकल आते हैं। कुछ रोगियों के रक्त में प्लेटलेट की कमी के कारण मुंह, नाक, मलमूत्र द्वारा एवं योनि से रक्तस्राव होने लगता है । जिसे डेंगू हीमरेजिक बुखार कहते हैं। इसके एक और प्रकार में रोगी शॉक में चला जाता है। इसे डेंगूशॉक सिंड्रॉम कहा जाता है। इससे मरीज की मृत्यु तक हो सकती है।
No comments:
Post a Comment