हमीरपुर, महेश अवस्थी । किशनू बाबू शिवहरे महा विद्यालय सिसोलर में विमर्श विविधा में भारत के एकीकरण के भगीरथ सरदार पटेल की जयंती श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कालेज के प्राचार्य डॉ भवानीदीन ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल अपने आप में बेजोड़ थे, उनका कोई सानी नहीं था, वह देश के लिए जिए और देश के लिए मरे । भारत की 562 देसी रियासतों के विलय में उनकी भगीरथ भूमिका रही । इसीलिए उन्हें लौह पुरुष की उपाधि से विभूषित किया गया । पटेल जी का गुजरात के नाडियावाद में झवेर भाई पटेल के घर जन्म हुआ था, इनकी मां का नाम लाडबा था और उसके बाद इन्होंने स्वाध्याय किया ।लन्दन से बैरिस्टरी की परीक्षा पास कर गुजरात मे वकालत करने लगे । भारत लौटने पर इन्हें सरदार की उपाधि से विभूषित किया ।
सरदार वल्लभ भाई पटेल भारत के पहले उप मंत्री बने, उसके बाद भी देश के विकास के लिए प्रभावी प्रयास करते रहे । इनका 15 दिसंबर 1950 को निधन हो गया।1991 मे सरदार पटेल को भारत रत्न की उपाधि से विभूषित किया गया । इसके अलावा स्टेचू ऑफ यूनिटी का भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में लोकार्पण किया, जो विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है । डॉ श्याम नारायण, डॉ लालता प्रसाद प्रदीप यादव ,अखिलेश सोनी आरती गुप्ता,राकेश यादव, गनेश शिवहरे, आनंद विश्वकर्मा रामचंद्र साहू, सुरेश सोनी, हिमांशु प्रताप सिंह उपस्थित रहे।संचालन डा रमाकांत पाल ने किया।
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