पुलिस पर मामले को गंभीरता से न लेने का आरोप
राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन पैंथर ने किया प्रेषित
बांदा, के एस दुबे । राष्ट्रीय स्वराज पैंथर ने हाथरस में में हुई घटना को लेकर कड़ा आक्रोश जाहिर किया है। 14 सितंबर को चार युवकों द्वारा अनुसूचित जाति की बहन कुमारी मनीषा बाल्मीकि के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया, जुबान काट दी गई। गर्दन मरोड़ कर रीड की हड्डी तोड़ दी गई, जिसकी इलाज के दौरान 29 सितंबर को मौत हो गई। पैंथर पदाधिकारियों ने कहा कि पुलिस द्वारा इस घटना को शुरू से ही गंभीरता से नहीं लिया गया था। पीड़िता जीवन से जंग लड़ती रही लेकिन अंत में उसने दम तोड़ दिया। इस घटना ने निर्भया कांड को भी पीछे छोड़ दिया है। इससे पूरे दलित समाज में गहरा आक्रोश व्याप्त है। बहन बेटियों की सुरक्षा के लिए बनाए गए कानून का
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अशोक स्तंभ के समीप प्रदर्शन करते पैंथर पदाधिकारीगण |
कोई फायदा नहीं हो रहा है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा फेल हो चुका है। अब अत्याचार हो रहे हैं। संपूर्ण सभ्य समाज हाथरस की घटना की निंदा कर रहा है। लेकिन केवल निंदा करना ही पर्याप्त नहीं होगा, हमको कोई ठोस पहल करनी होगी जिससे कोई भी व्यक्ति ऐसा जुल्म करने की जुर्रत न कर सके। हाथरस की घटना ने जुल्म की सारी हदों को पार कर दिया है और मानवता को तार-तार कर दिया है। राष्ट्रीय स्वराज पैंथर के पदाधिकारी महेंद्र द्वारा इस घटना का शिकार हुई मनीषा को न्याय दिलाने और चार अपराधियों को फांसी सजा दिलाने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष मुन्नालाल दिनकर के नेतृत्व में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित किया गया।
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