चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि। विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के बैनर तले केन्द्रीय आवाहन पर विद्युत कर्मियों ने अधीक्षण अभियंता की अध्यक्षता में दूसरे दिन कार्य बहिष्कार कर आंदोलन जारी रखा। अस्पताल का स्वतंत्र फीडर के ब्रेक डाउन व पेयजल समस्या को लेकर विभागीय अधिकारियों के निर्देश पर व्यवस्था सुचारू कराया गया है।
मंगलवार को अधीक्षण अभियंता पीके मित्तल की अध्यक्षता में ऊर्जा क्षेत्र के निजीकरण के विरोध में केन्द्रीय
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धरने पर बैठे अधिकारी, कर्मचारी। |
आवाहन पर कार्य बहिष्कार जारी रहा। इं आशीष सिंह ने कहा कि सरकार अगर तानाशाही रवैया नहीं बदलती तो आंदोलन जारी रहेगा। इं अनुपम कुमार ने कहा कि विद्युत विभाग के निजीकरण से आम जनमानस को कठिनाईयों का सामना करना पडेगा। कर्मचारी बेरोजगार हो जाएगा। इं शिवप्रकाश अवस्थी ने कहा कि सरकार पूंजीपतियों को लाभ देना चाहती है। विभाग में लगे कर्मचारियों को दरकिनार किया जा रहा है। जिले में विद्युत व्यवस्था ठप होने पर विभागीय अधिकारियों ने जनहित में समस्या का निदान कराया है। इस मौके पर इं उमतलाल, रामप्रताप, अनिल दुबे, केके वर्मा, हाकिम सिंह, महेन्द्र कुरील, सुभाष धुरिया, विजय सिंह, वकीलराम, आशीष सिंह, राजेश गुप्ता, दिलीप, शिवसागर, गुड्डू, सोनम, प्रशांत, मीडिया प्रभारी लक्ष्मीनारायण आदि मौजूद रहे।
बिजली कर्मियों पर सरकार लगाए एस्मा: अजीत
चित्रकूट। सरकार ने निजीकरण का फैसला किया। जिसके चलते आंदोलित हैं बिजली कर्मचारी और जनता पिस रही है। बिजली न मिलने से पेयजल का भारी संकट है। सरकार एस्मा लगाकर कामचोरों को पैदल करे या फिर उनकी मांगें पूरी कर जनता को राहत दे। बुन्देली सेना के जिलाध्यक्ष अजीत सिंह ने बताया कि मूलभूत आवश्यकताओं से खिलवाड़ बिजली विभाग की अंधेरगर्दी है। अपने अधिकारों के लिए जनता को त्राहि-त्राहि कराना अति निंदनीय है। सरकार कठोर कार्यवाही करे। एस्मा लगाए और कामचोरों को पैदल कर दे। प्रदेश में बेरोजगारों की कमी नहीं है। जिस तरह चैधरी चरण सिंह की सरकार में पटवारी पद ही समाप्त कर लेखपालों की भर्ती की गई थी। अब उसी तरह बिजली विभाग में भी कामचोरों पर चाबुक चलाने की जरूरत है। जनता की हाय बिजली विभाग के अधिकारियों पर लगेगी स निजी स्वार्थ के लिए जनता को रुलाया जा रहा है। बच्चे गर्मी में बिलबिला उठे, पेयजल का संकट लोग झेलने पर विवश हुए और विभाग अपनी मांगों पर अड़ा है। ऐसे में आमजन में रोष व्याप्त है।
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