देवेश प्रताप सिंह राठौर
(वरिष्ठ पत्रकार)
........ हाथरस में विपक्ष की लोग जब पीड़ित परिवार के घर से आज मिले और बंद दरवाजे में प्रियंका वाड्रा राहुल गांधी बंद दरवाजे में प्रियंका वाड्रा एवं राहुल गांधी जिस तरह पीड़ित परिवार से मिलकर आंसू निकाल रहे थे। यह बनावटी आंसू कह रहे थे कि शायद उत्तर प्रदेश में हमारी राजनीति इन हाथरस के आंसुओं के साथ चमक जाए पर यह जनता है सब जानती है कौन आंसू बहाता है कौन हंसता है। यह पीड़िता के दुख दर्द के लिए नहीं थे यह उत्तर प्रदेश में इनकी सियासी राजनीति का पतन होने के कारण किस तरह उत्तर प्रदेश में अपनी पुरानी वोट बैंक को कैसे पा सकें उस तरह आंसू के सहारे राजनीति को चमकाने का एक रास्ता चुना जबकि वह आंसू बनावटी होंगे नींबू या कुछ संतरे के छीकल में से उस का रस डाल लिया होगा जिस से आंसू दिखाई देने लगे यह लोग आंसू इसलिए बहा रहे हैं बनावटी क्योंकि यह फिर उत्तर प्रदेश में अपनी सियासत जो बर्बाद हो चुकी है उसे जिंदा करने का हाथरस को एक कड़ी मानकर उस पर सत्ता को सत्ता पक्ष को परेशान करने का कार्य कर रहे हैं । क्योंकि एक डेढ़ साल बाद उत्तर प्रदेश के चुनाव का समय आने वाला है जिस कारण यह प्रदेश की सरकार की छवि को बिगाड़ने के लिए सब षड्यंत्र रचा जा रहा है।जबकि योगी जी की सरकार गुंडे मवाली ओं के लिए बहुत सख्त है
परंतु जो हाथरस में हुआ उसमें कांग्रेस का जिस तरह मीडिया के द्वारा कुछ चैनल कांग्रेश के लिए ही कार्य करते हैं वह सब दौड़ कर आगे आकर इस हाथरस के केस को गलत दिशा में मोड़ कर राजनीति करने का कार्य कांग्रेस ने किया है। जनता सब जानती है और समझती है रिपब्लिक भारत के मालिक चीफ एडिटर अरनव गोस्वामी ने जो कहा है मैं उसका समर्थन करता हूं ,यह कांग्रेश मात्र सिर्फ देश में सत्ता पाने के लिए किस हद तक जा सकते हैं इसका अनुमान लगाना संभव नहीं है। हिंदुस्तान को तीन पप्पू ने बर्बाद करने की सोच रखी है पहला पप्पू राहुल गांधी दूसरा पप्पू बिहार का तेजस्वी यादव तीसरा पप्पू आदित्य ठाकरे, यह तीन पप्पू है जो राजनीत से बिल्कुल समाप्त की कगार पर पहुंच चुके हैं। यह पप्पू अपना पप्पू वाली हरकत करते रहते हैं और जनता को गुमराह करने का कार्य करते हैं जबकि हकीकत कुछ और है हाथरस केस में सही दिशा में कार्य उत्तर प्रदेश की सरकार कर रही थी परंतु कांग्रेस को मौका मिला उस मौके का फायदा उठाते हुए हाथरस का केस को इतना बड़ा बवाल बनाया और एक मुद्दा बनाया की रात्रि में सबको नहीं जलाया जाता है लेकिन जहां पर सब चलाया गया था वहां पर उस परिवार के काफी लोग मौजूद थे। कांग्रेश चाहती थी की डेड बॉडी को ना चलाया जाए सुबह तक इंतजार किया जाए जिससे यह सब इकट्ठे होकर छोटे-मोटे सभी दल एक साथ बैठकर उस लाश के सहारे अपनी राजनीति को चमकाने के लिए एक रास्ता ढूंढ रहे थे जिसे यूपी सरकार ने उनके मंसूबे को पूरा नहीं होने दिया आज भारत को जरूरत है प्रदेश में योगी की मौत देश में मोदी की अगर इन दोनों को हटा दिया गया तो आप सोच लीजिए जातिगत राजनीति को भूलकर अगर देश को प्रदेश को सुरक्षित रखना है इसके पूर्व किस तरह हत्या बलात्कार घटनाएं घटती थी आज बहुत कम मिस्टर से घटनाएं हो रही है तथा जो घटनाएं घटती हैं उस दरिंदों को आज की सरकार सख्त से सख्त सजा देती है आपने 3: एवं साढ़े तीन साल की सरकार में योगी जी के कार्यकाल को देखा है। उन्होंने एक-एक को चुन-चुन कर गुंडों को उनके सही स्थान पर पहुंचाने का काम योगी सरकार ने किया है।चुनाव का समय नजदीक आ रहा उत्तर प्रदेश का इसलिए राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा गांधी यह घड़ियाली आंसू बनाती आंसू के सहारे अपने नैया पार कराने के लिए रास्ता चुना है जिससे इनका उत्तर प्रदेश में जो अस्तित्व समाप्त हो चुका है शायद कुछ आ जाए और सीटें पाने के लिए फिर से सत्ता में आने के लिए व्याकुल है।
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