मशरूम व्यवसाय पर आयोजत किया गया था प्रशिक्षण
बांदा, के एस दुबे । कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के कुलपति डा. यूएस. गौतम के निर्देशन में मशरूम उत्पादन युवाओं और किसानों के लिए एक लाभदायक व्यवसाय विषय पर पांच दिवसीय राष्ट्रीय वेब का शुक्रवार को समापन हो गया। सम्मेलन में मशरूम अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र, पादप रोग विज्ञान विभाग, कृषि महाविद्यालय के द्वारा आयोजित किया गया। मशरूम व्यवसाय के महत्व व लोगों में इस काम के लिए तकनीकी कुशलता की आवश्यकता को देखते हुए इस वेब सम्मेलन का सफल आयोजन किया गया जिसके मुख्य अतिथि श्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय, माननीय राज्यमंत्री, लोक निर्माण विभाग, उत्तर प्रदेश शासन थे।
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कार्यक्रम के दौरान कुलपति यूएस गौतम |
वेब सम्मेलन के समापन अवसर पर कुलपति यूएस गौतम ने बताया कि भारत में तेजी से बढ़ती जनसंख्या और कोविड-19 की महामारी के वर्तमान परिदृश्य में भोजन, पोषण और आजीविका सुरक्षा प्रमुख मुद्दे हैं। मशरूम एक पौष्टिक और औषधीय गुण से परिपूर्ण उच्च कोटि का भोज्य पदार्थ है जो मानव शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। मशरूम उत्पादन एक आदर्श कृषि आधारित सहायक उद्यम है जो ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को 50-100ः लाभ के साथ आय के प्रमुख स्रोत का साधन बन सकता है। इस प्रकार, मशरूम की खेती युवाओं, किसानों, प्रवासी मजदूरोें व भूमिहीन श्रमिकों के पोषण सुरक्षा और स्वरोजगार के लिए एक बहुत अच्छा साधन है। सामान्य तकनीक से मशरूम का उत्पादन करने वालों की तुलना में आधुनिक एवं प्रशिक्षित लोग कई गुना अधिक मशरूम का उत्पादन कर अधिक आय अर्जन कर सकते है। सम्मेलन के आयोजक डा. डीपी सिंह ने बताया कि इस वेब सम्मलेन में देश भर से लगभग 2200 प्रतिभागिओं ने भाग लिया। इस सम्मेलन मे मशरूम उत्पादन और इसके सफल व्यवसाय से सम्बंधित समस्त पहलुओं पर गहनता से चर्चा, विस्तार से विचार-विमर्श और युवाओं व किसानों को मशरूम उत्पादन व व्यवसाय से सम्बंधित समस्त पहलुओं पर तकनीकी ज्ञान प्रदान करने हेतु मशरूम क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक अनुभव व ज्ञान रखने वाले देश भर के 18 वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों व मशरूम व्यवसाईओं ने अपना व्याख्यान दिया। डा. सिंह ने बताया कि इस सम्मेलन का एक प्रमुख उद्देश्य देश भर में कोने कोने में लोगों के बीच मशरूम व्यवसाय के बारे जागरूकता लाना भी था जिससे लोग खुद प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से प्रशिक्षण लेकर मशरूम व्यवसाय से अच्छा लाभ अर्जित कर सकते है। इस सम्मेलन में व्याख्यान देने वाले प्रमुख वक्ताओं में डा. मंजीत सिंह, पूर्व निदेशक, मशरूम शोध निदेशालय, सोलन, हिमाचल प्रदेश, डा. आरपी सिंह, पूर्व निदेशक, सेंटर फार एडवांस्ड स्टडी, गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्यौगिक विश्वविद्यालय, पंतनगर, उत्तराखण्ड, डा. एमपी ठाकुर निदेशक, शिक्षण एवं परीक्षा नियंत्रक, इन्दिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर, छत्तीसगढ एवं डा. मीरा पाण्डेय, प्रधान वैज्ञानिक, भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बंगलौर, कर्नाटक से थी। इस सम्मलेन के संयोजक डा. वीरेंद्र कुमार सिंह, विभागाध्यक्ष, पादप रोग विज्ञान विभाग, सह आयोजनकर्ता डा. एचएस नेगी तथा सहायक आयोजनकर्ता डा. उमेश चंद्र थे।
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