चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि। अभी तक नहर की सफाई व मरम्मत न होने से क्षेत्रीय किसानों मे सिंचाई विभाग के प्रति आक्रोश व्याप्त है। पलेवा के लिए परेशान हैं। सफाई व मरम्मत के नाम पर हर साल लाखों रुपये का बंदरबांट होता है। मानिकपुर भरोसा बांध से निकलने वाली नहर जगह जगह टूटी हुई है और वर्तमान समय में नहर का आकार छोटी नाली जैसे है। वह भी जगह जगह टूटी फूटी है। जबकि इस नहर से मानिकपुर कस्बे सहित लगभग दो दर्जन गांवों, मजरों के किसानों की सींच इसी नहर के सहारे ही है परन्तु सिंचाई विभाग अभी भी कुम्भकर्णी नींद सो रहा है। किसान खेतों में पलेवा के पानी के लिए विभाग के चक्कर लगाने को मजबूर हैं, किन्तु विभाग द्वारा अभी तक नहर की मरम्मत
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घास, काई से पटा नहर। |
व सफाई कार्य नहीं करवाया गया। सिंचाई विभाग अपने चहेतों को हर साल नहर सफाई व मरम्मत करने के लिए ठेका देता है। जिसमें ठेकेदार विभागीय अधिकारियों को मोटी रकम कमीशन के नाम पर देकर लाखों रुपये हजम कर जाते हैं और सफाई व मरम्मत का कार्य सिर्फ कागजों पर ही होता है। किसी साल ठेकेदार द्वारा सिर्फ नहर के कुछ भाग का चारा कटवा कर सफाई व मरम्मत के नाम पर लाखों रुपये डकार लिए जाते हैं। नहर में टेल तक पानी न पहुंचने से क्षेत्रीय किसानों मे काफी रोष व्याप्त है। जिलाधिकारी व जनप्रतिनिधियों से नहर सफाई व मरम्मत कार्य अविलम्ब कराने की मांग की है।
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