शहर में धूमधाम से निकला जुलूसे मोहम्मदी
जुलूस में हरे झंडों के साथ तिरंगे झंडे भी खूब लहराए
बांदा, के एस दुबे । शुक्रवार को मोहम्मद साहब का जन्म दिन था। इससे पूर्व ब्रहस्पतिवार की रात शहर के मुस्लिम इलाकों को दुल्हन की तरह सजाया गया। मस्जिदों को सजाया गया। लोगों ने अपने अपने घरों में सजावट की शुक्रवार की सुबह मुस्लिम घरों में तरह-तरह के पकवान बनाये गए और लोगों को बांटे गए। दोपहर बाद शहर के छिपटहरी स्थित शेख सर्वर साहब की मस्जिद के सामने से जुलूसे मोहम्मदी निकला। इस जुलूस में छोटी बड़ी शहर की दर्जनों कमेटियों ने हरे झंडों के साथ देश प्रेम का सुबूत देते हुए तिरंगे झंडे भी लहराए।
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शहर में जुलूस निकालते लोग |
जुलूस में हर कमेटी के छोटे छोटे बच्चे एक ड्रेस कोड में नजर आए जिससे जुलूस और भी सुंदर हो गया कई कमेटियों ने गुम्बदे खिजरा और मक्का मुअज्जमा के तुगरे बना कर जुलूस में शामिल किए फूल उगलने वाली तोप और मिसाइल भी आकर्षण का केंद्र रही। जिन जिन रास्तों से जुलूसे मोहम्मदी गुजरा अकीदत मन्दों ने खाने पीने के सामान के साथ साथ जुलूस में शामिल कमेटियों की हौसला अफजाई के लिए पुरुस्कार भी बांटे। शेख सर्वर साहब
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जुलूस के दौरान हरे झंडे लहराते लोग |
की मस्जिद के सामने से केंद्रीय कमेटी ने हरी झंडी दिखार कर जुलूसे मोहम्मदी को रवाना किया कमेटी ने जुलूस में शामिल सभी लोगों से मास्क लगाने और डिस्टेंस का ख्याल रखने की बराबर अपील की। जुलूस में शामिल लोगों ने भी कोरोना गाइड लाइन का पालन किया कई कमेटियों ने सेनेटाइजर की गाड़ी जुलूस में शामिल की और रास्ते भर जुलूस को सेनेटाइज किया।
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सुरक्षा के लिहाज से तैनात पुलिस बल |
ये जुलूसे मोहम्मदी शेख सर्वर साहब की मस्जिद के सामने से उठकर अवस्थी भवन मर्दननाका, कुंजराहटी, शंकरगुरु का चैराहा, सब्जी मंडी, छावनी मयूर टाकीज रोड होता हुआ जामा मस्जिद के सामने से गुजर कर अलीगंज पहुंचा। इसके बाद अलीगंज स्थित बाबूलाल चैराहे पर जुलूस का सम्पन्न हो गया। इस अवसर पर शहर काजी मेराज मसूदी, गुलाम मुस्तफा, डाक्टर सुएब, वाहिद नेता, गुलफाम, हस्सान मसूदी, आदि सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे।
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