कर्ज के बोझ तले दब रही पालिका, कर्मियों की बल्ले-बल्ले
फतेहपुर, शमशाद खान । रात के अंधेरे में शहर की सड़कों को चमकाने के लिए नगर पालिका परिषद द्वारा मार्गों के दोनों ओर स्ट्रीट लाइटें लगवाई गयी हैं। जिनको चालू एवं बंद करने के लिए बाकायदा कर्मियों की नियुक्ति भी की गयी है लेकिन यह कर्मी अपने कर्तव्यों को ताक में रखकर दिन भर मौज मारते हैं। जिसके चलते दिन में भी नगर पालिका की स्ट्रीट लाइटें जलती हुई दिखाई देती हैं। जिसका खामियाजा पालिका को ही भुगतना पड़ता है। प्रतिमाह जहां विभाग को लाखों का चूना लग रहा है वहीं कर्ज के बोझ तले पालिका दबती चली जा रही है।
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दिन में जलती पालिका की स्ट्रीट लाइट। |
बताते चलंे कि नगर पालिका परिषद में जब से अध्यक्ष नजाकत खातून ने कार्यभार संभाला है तब से शहर का कायाकल्प जारी है। अध्यक्ष प्रतिनिधि हाजी रजा द्वारा शहर के कराये जा रहे जीर्णोद्धार के तहत मार्ग के दोनों ओर खंभों पर लगी पुरानी स्ट्रीट लाइटों को बदलवाकर नई एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगवाई गयी हैं। जिससे रात में भी शहर की सड़कें जगमगाती रहें। इन लाइटों का खर्च नगर पालिका परिषद द्वारा वहन किया जाता है। इन लाइटों के चेंज ओवर भी जगह-जगह लगे हुए हैं। जिनसे यह लाइटें चालू व बंद की जाती हैं। इन लाइटों कोे जलाये जाने व बंद किये जाने के लिए नगर पालिका परिषद द्वारा बाकायदा कर्मचारियों की नियुक्ति की गयी है। यह कर्मचारी अपनी मनमानी पर हमेशा उतारू रहते हैं। जब मन चाहा तो लाइटें जला दी और जब मन चाहा तो बुझा दी। कभी कभी तो आलम यह होता है कि यह कर्मी दिन में भी लाइटों को जला हुआ छोड़ देते हैं। जिससे यूं कहा जाये कि यह लाइटें सूरज को अपनी रोशनी दिखाती है तो गलत न होगा। लाइटों के अनर्गल दिन भर जलने से पालिका को अतिरिक्त नुकसान होता है। पालिका कर्मचारियों की यह मौज विभाग पर ही भारी पड़ रही है। इन कर्मचारियों पर किसी तरह की कोई लगाम नहीं है। दिन में भी स्ट्रीट लाइटों के जलने के कारण यह जल्दी खराब भी हो जाती है। नगर पालिका परिषद के अधिकारियों को शीघ्र ही इस पर कड़ा रूख अख्तियार करना चाहिए। जिससे व्यवस्था में सुधार आ सके।
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