महात्मा गांधी की 151वीं जयंती मनाई
बांदा, के एस दुबे । भारत के इतिहास में दो अक्टूबर के दिन का एक खास महत्व है। यह दिन देश की दो महान विभूतियों के जन्मदिन के तौर पर इतिहास के पन्नों में दर्ज है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म दो अक्टूबर 1869 को हुआ था और उनके कार्यों एवं विचारों ने देश की स्वतंत्रता और इसके बाद आजाद भारत को आकार देने में बड़ी भूमिका निभाई। पूर्व प्रधानमंत्री त्यागमूर्ति लाल बहादुर शास्त्री का जन्म दो अक्टूबर 1904 को हुआ था। उनकी सादगी और विनम्रता के लोग कायल थे। 1965 के भारत पाक युद्ध के दौरान दिया गया ‘जय जवान जय किसान’ का उनका नारा आज के परिप्रेक्ष्य में भी सटीक और सार्थक है।
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गांधी और शास्त्री जयंती के मौके पर मौजूद शिक्षकगण |
ज्ञात्वय हो कि काली चरण निगम ग्रुप आॅफ इंस्टीट्यिूसन एवं विद्यावती निगम मेमोरियल पब्लिक स्कूल में दोनों महापुरूषों की जयंती मनाई गई। इस मौके पर केसीएनआईटी संस्थान में ध्वजारोहण किया गया। संस्थान के निदेशक पीके चैधरी ने कहा कि महात्मा गांधी ने ऐसे भारत का का सपना देखा था जो ‘आत्मनिर्भर हो। जहां का हर गांव, हर शहर आत्मनिर्भर बनें। वहीं अषोक शर्मा ने कहा कि महात्मा गांधी ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की विचाराधारा में विश्वास करते थे, उन्होंने राष्ट्र को सत्य, अहिंसा और सत्याग्रह का मार्ग दिखाया। शैलेंन्द्रनाथ पाठक ने रामधुन को गाकर बापू को याद किया। इस कार्यक्रम में केसीएनआईटी ग्रुप के डाॅ. प्रषान्त द्विवेदी, स्टूडेन्ट वेलफेयर मैनेजर श्याम जी निगम, हरिओम राठौर एवं विद्यावती निगम मेमोरियल पब्लिक स्कूल के निदेषक डाॅ. पूर्णषीष रथ एवं अन्य अध्यापकगण मौजूद थे। संस्थान में ‘बापू’ की याद में स्वच्छता पखवाड़ भी मनाया गया। कार्यक्रम का संचालन कोमल पंजवानी ने किया।
संस्थान द्वारा समस्त देष वासियों से अपील की जाती है की वे स्वयं में महात्मा गांधी जी के विचारों को अपनायें तथा परिवार के सदस्यों व मित्रों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें। सोशल डिस्टन्सिंग तथा सरकार द्वारा जारी अन्य दिशा निर्देशों का पालन करते हुए कोरोना काल में अपनी सहिभागिता देते हुये देष के विकास में सहायक बनें।
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