वेबिनार के जरिए मुख्य सचिव ने धर्मगुरूओं व पुजारियों को दिए निर्देश
जनपद के 11 प्रमुख मंदिरों के पुजारी व धर्मगुरू हुए शामिल
प्रदेश सरकार व यूनीसेफ का संयुक्त आयोजन
बांदा, के एस दुबे । कोरोना संक्रमण के बीच कई प्रमुख त्योहार नवरात्र, दशहरा, दीपावली और क्रिसमस हैं। इन त्योहारों को अपने घर-परिवार और समुदाय के बीच मनाने की खास परंपरा रही है। लेकिन इस बार कोरोना के चलते इसमें खास सावधानी बरती जा रही है। प्रदेश सरकार व यूनीसेफ के संयुक्त तत्वावधान में हिंदू धर्मगुरूओं व पुजारियों की जूम के जरिए वेबिनार मीटिंग हुई। मुख्य सचिव ने कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए शांतिपूर्वक त्योहार मनाने की जिम्मेदारी इन धर्मगुरूओं को सौंपी है।
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संकट मोचन मंदिर में वेबिनार में प्रतिभाग करते पुजारी व यूनीसेफ के प्रतिनिधि। |
वेबिनार के जरिए आयोजित मीटिंग में महेश्वरी देवी मंदिर, कालीदेवी मंदिर, संकट मोचन, विंध्यवासिनी मंदिर सहित जनपद के प्रमुख 11 मंदिरों के पुजारी व धर्मगुरू शामिल हुए है। मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने कोरोना काल में कोविड-19 का ख्याल रखते हुए घर पर ही त्योहार मनाने के निर्देश दिए। धर्मगुरूओं से कहा कि स्थानीय स्तर पर लोगों से अपील करें कि लोग देवी पंडालों में ना जाकर घर पर ही पूजा-पाठ को प्राथमिकता दें। बुजुर्ग, गर्भवती और बच्चों को तो खास तौर पर भीडभाड़ वाले स्थानों जैसे पूजा पंडाल और मेला आदि में शामिल होने से बचें।
यूनीसेफ जिला समन्वयक फुजैल सिद्दीकी ने कहा कि सरकार की गाइड लाइन का पालन करते हुए शांतिपूर्वक त्योहार मनाने के लिए इस बार धर्मगुरूओं को कमान सौंपी जा रही है। किसी भी धार्मिक स्थल में सामूहिक रूप से भीड़ इकट्ठा न होने से मना किया जा रहा है।
पटाखों से दूर रहें
बांदा। यूनीसेफ के रीजनल कोर्डिनेटर हरेंद्र पवार ने कहा कि दशहरा व दीपावली में पटाखों से पूरी तरह से तौबा करने में ही सच्ची समझदारी है। कोरोना सबसे ज्यादा फेफड़ों पर असर डाल रहा है। पटाखों का शोर और उसका धुआं सांस और फेफड़ों को प्रभावित कर सकता है। इसलिए खुद के साथ, घर-परिवार और समुदाय को सुरक्षित बनाने के लिए इस बार पटाखों से दूर रहें।
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