बाँदा, के0एस0दुबे - जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने परिवादी का परिवाद ग्रहण करते हुए यूनाइटेड इंडिया के शाखा प्रबंधक पर ₹7000 जुर्माना लगाते हुए आदेशित किया कि वह परिवादी को उसकी बस की दुर्घटना में आए खर्च का क्लेम बीमा के रूप में ₹35000 अदा करें साथ ही इस पर मुकदमा दायर होने की तिथि से 6% ब्याज भी देय होगा ।
मोहल्ला अर्दली बाजार कटरा निवासी संतोष पटेल पुत्र रामदेव पटेल ने मई 2018 में यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के शाखा प्रबंधक को पक्षकार बनाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी कि उनकी बस तिंदवारी जाते समय के दौरान ओवर टेकिंग के समय रास्ते में गिट्टी चिटक के शीशे में टकरा गई और उनकी बस का शीशा टूट गया जिसका क्लेम देने के लिए उपभोक्ता की ओर से समस्त औपचारिकताएं पूरी करते हुए बीमा कंपनी को प्रस्ताव भेजा परंतु बीमा कंपनी में यह कहकर प्रस्ताव को नो क्लेम कर दिया कि दुर्घटना के दौरान बस का फिटनेस नहीं था।
उपभोक्ता आयोग ने प्रबंधक को नोटिस जारी की तथा उनका जवाब लिया गया
दोनों पक्षों के विद्वान अधिवक्ताओं की बहस सुनी गई तथा पत्रावली का परीक्षण किया गया। विपक्ष की ओर से उनका कहना है कि क्योंकि परिवादी का बीमा दुर्घटना के समय फिटनेस नहीं था ऐसी स्थिति में दुर्घटना से संबंधित बीमा क्लेम दिया नहीं जा सकता जिला उपभोक्ता आयोग के न्यायाधीश तूफानी प्रसाद और सदस्य अनिल कुमार चतुर्वेदी ने यह पाया कि दुर्घटना के दौरान बस का वैध बीमा था यदि बीमा कंपनी चाहती तो बीमा करते समय पर वादी की बस का फिटनेस मांग सकती थी कि जिसका क्लेम के लिए बीमा हो रहा है उसका फिटनेस होना अनिवार्य है। ऐसा अभिलेख मांगना चाहिए परंतु बीमा कंपनी में ऐसा कोई आदेश नहीं मांगा और परिवादी की बस का बीमा कर दिया। ऐसी स्थिति में परिवादी का परिवार स्वीकार किया जाता है तथा विपक्षी इंडिया के शाखा प्रबंधक को आदेशित किया जाता है कि वह वाहन को ठीक कराने के लिए ३५००० रू और मुकदमा दायर करने की तिथि से 6% ब्याज सहित अदायगी तक 1 माह के अंदर परिवादी को भुगतान करें साथ ही परिवादी से ₹5000 मानसिक कष्ट के लिए पाने का अधिकारी है साथ ही ₹2000 अधिवक्ता फीस भी पाने का अधिकारी है निर्णय की जानकारी जिला उपभोक्ता आयोग के रीडर स्वतंत्र रावत द्वारा दी गई।
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