चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि। पितृ विसर्जनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने नदी घाटो में स्नान कर पितरों का तर्पण किया। घरों में ब्राह्मण व कन्या भोज कराए गए।
गुरुवार को पितृ विसर्जनी अमावस्या पर दूरदराज से आए श्रद्धालुओं ने मां मंदाकिनी में डुबकी लगाई। पितरों के मोक्ष की कामना को जल तर्पण कर पिण्डदान किया। इसके बाद भगवान मत्यगजेन्द्रनाथ मंदिर में शिव जलाभिषेक कर कामदगिरि की परिक्रमा की। हालाकि प्रशासन ने कोरोना महामारी के चलते रोक लगा रखी थी। बावजूद इसके आस्थावानों ने धर्मनगरी आकर मोक्षदायिनी अमावस्या पर पितरों को याद में पूजापाठ किया। एक पखवाड़े तक लगातार घरों में जल अर्पण कर पितरों को याद करते रहे। लोगों ने सवेरे से ही नदी के किनारे पहुंचकर पितृ विसर्जन के लिए मंत्रोच्चारण व विधिविधान से तर्पण किया। तिथियों के अनुसार घरों में पितरों के श्राद्ध में ब्राह्मण व कन्या भोज कराया।
यमुना नदी में तर्पण करते लोग।
पुलघाट में हुआ तर्पण हवन कार्यक्रम
चित्रकूट। देश की स्वतंत्रता, अखण्डता, लोकतांत्रिक व्यवस्था व मूल्यों की रक्षा सुनिश्चित करने में बलिदान हुये शहीदों को पितृविसर्जनी अमावस्या पर जग सुमंगलम संस्था के तत्वावधान में आयोजित तर्पण हवन कार्यक्रम भाजपा जिलाध्यक्ष चन्द्र प्रकाश खरे, राज्य मंत्री चन्द्रिका प्रसाद उपाध्याय, पूर्व सांसद भैरो प्रसाद मिश्र, वरिष्ठ कार्यकर्ता जगदीश गौतम की मौजूदगी में पुलघाट कर्वी में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ सम्पन्न हुआ। संचालन विनय साहू ने किया।
जल तर्पण से प्रसन्न होते हैं पूर्वज
रेाजापुर (चित्रकूट)। लगातार एक पखवाड़े तक पितृ तर्पण श्रद्धा व आस्था के साथ लोगों ने मनाकर आखिरी दिन विधिविधान से पिण्डदान, श्राद्ध, जल तर्पण कर पूर्वजों का आर्शीवाद लिया। यमुना तट में लोगों ने लगातार तर्पण किया। पं भागवत प्रसाद शुक्ल ने बताया कि अश्वनी माह से अमावस्या तक महाकवि गोस्वामी तुलसीदास की जन्मभूमि में यमुना घाट में जल तर्पण कराया है। बताया कि जल तर्पण व श्राद्ध से पूर्वज प्रसन्न होते हैं। मृत्यु लोक में पूरे 15 दिन तक वंशजों को देखने के लिए आते हैं और तर्पण ग्रहण कर लौट जाते हैं। इस मौके पर राजकुमार उपाध्याय, अजय मोदनवाल, संतोष गुरौलिहा, संतोष गुप्ता, बबलू तिवारी, बच्चा निषाद, लक्ष्मी प्रसाद पाण्डेय, मुन्ना तिवारी आदि ने तर्पण कर पूर्वजों को याद किया।
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