देवेश प्रताप सिंह राठौर
(स्वतंत्र पत्रकार)
........ रवि किशन जो संसद के सत्र में एक सांसद के रूप में में बोला है मैं आपके शब्दों का समर्थन करता हूं, और मैं दावे के साथ कह सकता हूं, फिल्मीस्तान में ड्रग का इस्तेमाल अवश्य होता है। जो लोग कहते हैं जिस थाली में खाया उस थाली में छेद किया तो इसका मतलब है कोई ना कोई बात अवश्य कहीं ना कहीं यह मुहावरा बहुत से संदेश के घेरे में उत्पन्न होती हैं। क्योंकि फिल्मीस्तान में डी कंपनी मतलब दाऊद इब्राहिम का बहुत बड़ा हस्तक्षेप हमेशा रहा है। तो संभव है फिल्मीस्तान में मुंबई के बॉलीवुड में जरूर चलती होगी। मेरा पूरा विश्वास है यह रिया चक्रवर्ती के कांड से बहुत बड़े-बड़े मगरमच्छ सामने आएंगे जिसको केंद्र सरकार को बहुत ही सतर्क के साथ इन मगरमच्छों को छोड़ना नहीं है पकड़ा जरूर जाना हैऔर सुशांत सिंह राजपूत की दीया सान्याल की मौत का रहस्य सामने आएगा जब सीबीआई जांच प्रक्रिया पूरी कर लेगी सारी जांच पूरी होने पर अवश्य बहुत बड़ा परिणाम के साथ हस्तक्षेप सामने आएगा। सुशांत सिंह की मौत से यह फिल्म इंडस्ट्रीज में बैठे ड्रग्स माफियाओं का समय अब निकट आ गया है। कोई नहीं बचेगा फिल्मीस्तान से अब पूरा ड्रग माफिया केंद्र की सरकार देश के प्रधानमंत्री जी माननीय नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में यह सब कानून के अंतर्गत जेल जाएंगे क्योंकि यह सुशांत सिंह की मौत का रहस्य खुलने के साथ साथ बहुत से ड्रग्स रैकिट की जानकारी मिल सकेगी सूत्रों ने बताया है एक बहुत बड़ा नेता इस केस में फस रहा है इसलिए महाराष्ट्र सरकार पूरी रिया चक्रवती के साथ खड़ी हुई है । कंगना रनौत के साथ जो हुआ वह बहुत ही निंदनीय है संजय रावत जैसे लोगों ने कंगना रनौत को जिस अमर्यादित भाषा से शब्दों का उच्चारण किया संजय रावत को समझ लेना चाहिए जिस सत्ता पर आप भूल रहे हो वह सत्ता पत्ते के समान है कब हवा का झोंका है और सत्ता छीन जाए क्योंकि यह त्रिशंकु सरकार बहुत ही मुश्किलों से चल रही है कौन किस समय हट जाए कोई भरोसा नहीं है। उद्धव ठाकरे जी आप ने बाला साहब ठाकरे जी के सिद्धांतों को भूल कर अपनी राजनीति का रास्ता अलग चुना है ,जो आपका अनुभव के अनुसार आपने निर्णय लिया वह सकता है कि अच्छा हो क्या हो सकता है कि आज की राजनीति का पतन हो दोनों चीजें स्पष्ट तौर पर चुनाव में दिखाई देगी।क्योंकि किसी ने निर्णय लिया है तो अपने हिसाब से ठीक ही लिया होगा इसके परिणाम तो जनता तय करती है कि
अच्छा है या बुरा है सत्ता में रखती है या सत्ता से हटा देती है वही निर्णय अंतिम निर्णय माना जाता है जनता का निर्णय अंतिम निर्णय होता है जिसे हम जनाधार के रूप में आप की ताकत का आपको एहसास कराता है वह ताकत जनाधार की किस तरफ मुड़ रही है और चुनाव के समय जब आएगा तब स्थित साफ हो जाएगी शिवसेना का निर्णय सही है या गलत है। जया बच्चन के द्वारा दिए गए वक्तव्य पर मैं घोर विरोध करता हूं। तथा बॉलीवुड को जो हम लोग समझते हैं कि बहुत अच्छा देखने में लगता है सबसे ज्यादा ड्रग एवं अन्य बहुत सी चीजें जो लिख नहीं सकते हैं वह सब फिल्मीस्तान में आम बात हो गई है। जांच प्रक्रिया के बाद सीबीआई जांच कर रही है उसके बाद सब दूध का दूध पानी का पानी अलग हो जाएगा और इतने बड़े-बड़े नेताओं फिल्मी कलाकार बड़े से बड़े इसके गिरफ्त में आएंगे यह मुझे पूरा विश्वास है। दिशा सालियन और सुशांत सिंह राजपूत की मौत पर रहस और बढ़ता जा रहा है दिशा सालियन की छत से गिरने के बाद जो मौत हुई और 25 मिनट तक और रोड पर पड़ी रही जहां पार्टी हो रही थी वहां पर किसी व्यक्ति ने दिशा सालियां न को बचाने का कार्य नहीं किया और शायद मुझे महसूस होता है दिशा सालिया ने सुशांत सिंह राजपूत को उस पार्टी में जो जो हुआ है उस संदर्भ में दिशा सालिया ने सुशांत सिंह को बताया सुशांत सिंह काफी परेशान रहने लगे क्योंकि दिशा सालियान और सुशांत सिंह के बीच में जो बात हुई उसे पार्टी में मौजूद नेता वर्चस्व रखने वाले लोग सुन लिया कहीं उसके बाद छत से गिरा कर आत्महत्या का रूप बनाया गया। अब जब दिशा सालिया ने सुशांत सिंह को फोन पर जो बताया तो उन्हें लगा कि सुशांत सिंह सारा राज जानता है इसको भी अपने रास्ते से हटाना बहुत जरूरी होगा नहीं तो सारा भंडा फूट जाएगा जिस कारण उसकी भी हत्या हुई आत्महत्या हुई है यह स्पष्ट तौर पर सीबीआई जांच कर रही है उसमें सामने आएगा।। सीबीआई जांच करके सब खोज लेगी बहुत कुछ सीबीआई द्वारा जानकारियां प्राप्त हो गई होंगी जैसे सार्वजनिक तौर पर अभी पूर्ण जानकारी नहीं कर लेते तब तक इसको ओपन नहीं करेंगे। सुशांत सिंह हत्याकांड में एक बहुत बड़ा मोड़ सामने आया है ड्रग्ज वैसे तो बॉलीवुड में ड्रग्स कोई नया नहीं है वहां सिगरेट पीने वाले हर 2 मिनट में सिगरेट ने वाले ऐसे कलाकार बॉलीवुड में है हो सकता है उस सिगरेट के सहारे ड्रग्स ले रहे हैं। क्योंकि आदमी को चमक चमक को देखकर लोग उन्हें बड़ा अच्छा समझते हैं परंतु बॉलीवुड वह स्थान है जहां पर जाति धर्म एवं रिश्ते नाते कितने कितनों से बनते बिगड़ते रहते हैं वहां पर भावनात्मक को कोई स्थान नहीं है। जो व्यक्ति बॉलीवुड में कार्य करता है डी गैंग दाऊद इब्राहिम का गैंग हावी है। यह कैसी विडंबना है अगर कंगना राणावत जैसी फिल्मी हस्ती ने अगर न्याय की मांग की तो उसका ऑफिस घर गिरा दिया जाता है सरकार ने इस तरह अपना रूप धारण कर लिया है महाराष्ट्र की सरकार ने जिससे स्पष्ट तौर पर नजर आने लगा है ।कोई न कोई महाराष्ट्र सरकार का बड़ा नेता इस केस में इंवॉल्व है। नहीं सामना के संपादक संजय राऊत सामना के संपादकीय में जो लिखते हैं वह रिया चक्रवर्ती समर्थन में एवं उस पूरे गैंग के समर्थन में लिखते हैं। पूरा देश आज कोरोना वायरस से पीड़ित है उसके बाद इस तरह की हत्याएं होती हैं जो एक आज के दौर में कोरोना वायरस संक्रमित से बचाव करते हुए जांच प्रक्रिया करनी होती है। वैसे सुशांत सिंह राजपूत हत्या हुई आत्महत्या परंतु जिस तरह से फार्म हाउस लिए थे जिस तरह से उनके और रिया चक्रवर्ती सोहा अली खान इन सब का फार्म हाउस में आना जाना रहता था। सुशांत सिंह राजपूत ने इतना ज्यादा विश्वास बना लिया था उन्हें एहसास नहीं हुआ होगा कि मेरी कोई हत्या कर सकता है क्योंकि वह साधारण परिवार से कलाकार बना था वह अपने साधारण परिवार के हिसाब से रिश्ते और संबंध को निभाता था और विश्वास करता था। जो बॉलीवुड में नहीं है, उसे यह एहसास नहीं हुआ हमारे पीछे कोई षड्यंत्र चल रहा है। उस दिशा में हम नहीं जाना चाहते हो चकाचौंध की दुनिया में सब कुछ जायज है जब गुलशन कुमार जैसे भक्ति पुरुष को मार दिया जाता है उस समय पूरा देश हिल गया था, एक भक्ति की लाइन वाला व्यक्ति जिसे मार दिया गया उनके हत्यारों को आज तक पता नहीं चला सिर्फ डी गैंग का नाम आया परंतु दोषी आज तक मुंबई में गुलशन कुमार को मारा गया पर कोई भी कार्यवाही गुलशन कुमार के हत्यारों तक सरकार नहीं पहुंच सकी क्यों वहां पर बॉलीवुड में बहुत सारी भ्रष्टाचारी है जो भ्रष्टाचारी वहां पर व्याप्त है वहां की शिष्टाचार ई का रूप है जिसे हम रिश्ता चारी समझते हैं क्योंकि हम मिल दर्जे के लोग हैं हम मर्यादित लोग हैं संबंध रिश्तो का सम्मान करते हैं यह सब चकाचौंध की दुनिया में नहीं है।
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