कानपुर में आईएएस अफसर बनकर रेलवे और बैंक में नौकरी लगवाने का झांसा देकर लाखों की ठगी करने वाले दो शातिरों को बर्रा पुलिस ने पकड़ लिया। लोगों को फंसाकर लाने वाला शातिर फरार हो गया। ठगों के पास से 51380 रुपये नकद, फर्जी नियुक्ति प्रमाणपत्र व फर्जी प्रमाणपत्र तैयार करने वाले कुछ उपकरण भी मिले हैं।
कानपुर कार्यालय संवाददाता:- एसपी साउथ दीपक भूकर ने बताया कि कल्याणपुर निवासी जयप्रकाश की तहरीर पर सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर 10 लाख की ठगी का मुकदमा दर्ज हुआ था। मामले की जांच में पता चला कि मूलरूप से गोरखपुर पीपीगंज और वर्तमान में अर्मापुर इस्टेट में रहने वाला हितेंद्र कुमार, फतेहपुर हसवां निवासी कुतुब उर्फ अब्बास और जालौन निवासी लकी के साथ मिलकर लोगों को ठगता है।
इन्होंने माल रोड स्थित ग्लोबस मॉल में एक ऑफिस भी बनाया था। मुखबिर की सूचना पर हितेंद्र और अब्बास को बर्रा हाईवे के पास स्थित भोलेश्वर मंदिर से गिरफ्तार किया गया। लकी शिकार खोजता था। हितेंद्र कार्यालय और फर्जी अभिलेखों को बनाने का काम संभालता था। अब्बास आईएएस अफसर बनकर लोगों से मिलता था।
रेलवे और बैंक अधिकारियों तक साठगांठ
पुलिस की पूछताछ में पता चला कि शातिरों की रेलवे और बैंक अधिकारियों से भी साठगांठ थी। इसी के चलते पीड़ितों से रुपये वसूलने के बाद शातिर बाकायदा उनकी फर्जी प्रवेश परीक्षा कराते थे। फर्जी नियुक्तिपत्र तक डाक के माध्यम से घर भेजते थे।
इसके बाद जब पीड़ित जॉइनिंग के लिए बताए गए ब्रांच या स्टेशन पहुंचता था तो उसे दो माह तक सरकारी नौकर की तरह रखा भी जाता था। इस दौरान उन्हें वेतन भी दिया जाता था। बाद में बहाने से उन्हें निकाल दिया जाता था। ऐसे में रेलवे और बैंक अधिकारियों के भी शामिल होने का शक है। एसपी के मुताबिक इसकी भी जांच की जाएगी।
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