लॉकडाउन में छूट की जगह बढ़ी सख्ती
जरूरी चीजों की होम डिलीवरी पर दिया जा रहा जोर
फतेहपुर, शमशाद खान । लॉकडाउन के दौरान लोगों की मुश्किलें कम होंने का नाम नही ले रही है। पड़ोसी जनपद में रायबरेली में एक साथ 33 लोग कोरोना संक्रमित पाये जाने के बाद जनपद में भी हड़कम्प मच गया है। लॉकडाउन अवधि में आवश्यक चीजों की खरीद के लिये प्रशासन द्वारा मिलने वाली छूट सख्ती में तब्दील हो गयी है। जिलाधिकारी संजीव सिंह व पुलिस अधीक्षक प्रशांत वर्मा ने मंगलवार को जनपद की सीमाओं पर पूरी सील करने व बिना आवश्यक दस्तावेज देखे किसी को सीमा में प्रवेश ने देने की हिदायत दी है। वही शहर समेत जनपद के सभी थानों द्वारा निर्धारित बैरियरों पर सख्ती बरती गयी। मेडिकल इमेरजेंसी समेत अन्य जरूरत पर निकलने वालों को ही जाने दिया गया। संतोषजनक जवाब न देने पर निकलने वालो के
वाहनों का चालान करने के साथ ही मुकदमा दर्ज करने की चेतावनी दी गयी। उधर शहर में क्षेत्राधिकारी नगर कपिलदेव मिश्रा व सदर कोतवाल रवींद्र श्रीवास्तव द्वारा बैरियरों का निरीक्षण किया गया। इस दौरान लॉकडाउन तोड़कर इधर उधर घूमने वालो से निपटने के लिये नया तरीका अपनाया गया। ऐसा करने वालो को ‘‘मैं समाज का दुश्मन हूँ’’ जैसे स्लोगन लिखे नारो की तख्ती के साथ फोटो लेकर सोशल मीडिया के जरिए पोस्ट पर लगाई गयी। पुलिस की इस सख्ती से जरूरी काम से निकलने वाले भी शिकार हुए। जिनके वाहनों का चालान करने से साथ ही पुलिस की घुड़की भी सुननी पड़ी। रायबरेली जनपद में इतनी बड़ी तादात में कोरोना मरीज मिलने से जनपद में हड़कम्प मचा हुआ है। जिले में अभी तक एक भी कोरोना मरीज न मिलने से राहत है। ऐसे में लॉकडाउन के दूसरे चरण में राहत मिलने की उम्मीद लगाए बैठे लोगों की पुलिसिया सख्ती ने कही न कही लोगों की चिंता बढ़ा दी है। जनपद के अन्य तीनो पड़ोसी जनपद कानपुर, कौशाम्बी व बांदा जनपद में पहले ही कोरोना के संदिग्ध मरीज मिल चुके हैं। ऐसे में जनपद रायबरेली में भी कोरोना मरीजों का मिलना जनपद के लिये घबराहट की बात है।
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बाकरगंज चैराहे पर वाहनों की जांच-पड़ताल करती पुलिस। |
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